राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी

  • 30 Jul 2020

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जुलाई, 2020 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी प्रदान की।

उद्देश्य: 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) के साथ विद्यालय -पूर्व शिक्षा से माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा का सार्वभौमिकरण।

महत्वपूर्ण तथ्य: स्कूल पाठ्यक्रम के 10 + 2 ढांचे की जगह 5 + 3 + 3 + 4 का नया पाठयक्रम, जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 आयु के बच्चों के लिए है। नई प्रणाली में तीन साल की आंगनवाड़ी / प्री स्कूलिंग के साथ 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी।

  • कम से कम 5वीं कक्षा तक मातृभाषा / क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई तथा इंटर्नशिप के साथ कक्षा 6 से व्यावसायिक शिक्षा शुरू करने का प्रावधान।
  • उच्चतर शिक्षा अनुदान से अर्जित डिजिटल रूप से अकादमिक क्रेडिटों के लिए ‘अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट’ की स्थापना तथा ठोस अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ‘राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन’ की स्थापना का प्रावधान।
  • एनसीईआरटी द्वारा 8 ​​वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल (Early Childhood care) और शिक्षा के लिए एक ‘राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा’ विकसित करने तथा उच्च शिक्षा में जीईआर को 2035 तक 50% तक बढ़ाये जाने का प्रावधान।
  • अध्यापक शिक्षण के लिए एक नया और व्यापक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा 2021’ तैयार किया जाएगा। वर्ष 2030 तक, शिक्षण कार्य करने के लिए कम से कम योग्यता 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड डिग्री होगी।
  • देश में वैश्विक मानकों के सर्वश्रेष्ठ बहुविषयक शिक्षा के मॉडलों के रूप में आईआईटी, आईआईएम के समकक्ष ‘बहुविषयक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय’ स्थापित किए जाएंगे।
  • एमफिल पाठ्यक्रम को बंद करने, स्वतंत्र ‘राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण’ (SSSA) के गठन; तथा विधि और मेडिकल कॉलेजों को छोड़कर सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को एकल नियामक ‘भारत उच्च शिक्षा आयोग’ (एचईसीआई) द्वारा शासित करने का प्रावधान।