औद्योगिक कामगारों के लिए उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक की नई श्रृंखला

  • 23 Oct 2020

श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने 22 अक्टूबर, 2020 को नई दिल्ली में आधार वर्ष 2016 के अनुसार औद्योगिक कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की नई श्रृंखला जारी की।

महत्वपूर्ण तथ्य: यह सूचकांक प्राथमिक रूप से संगठित क्षेत्र के कामगारों को देय महंगाई भत्ते का अनुमान लगाने के लिए उपयोग किया जाता है।

  • सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बैंकों और बीमा कंपनियों के अलावा सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता तय करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
  • पहले औद्योगिक कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तय करने का आधार वर्ष 2001 माना जाता था।
  • सितंबर, 2020 महीने के लिए आधार वर्ष 2016 के साथ प्रथम सूचकांक भी जारी किया गया। सूचकांक 78 केन्द्रों (2001) की जगह 88 केंद्रों (2016) के लिए अखिल भारतीय स्तर के लिए संकलित किया गया, जो 118 के स्तर पर है।
  • नमूना आकार को 41,040 परिवारों से बढ़ाकर 48,384 कर दिया गया, और खुदरा श्रृंखला के आंकड़ों के संग्रह के लिए चयनित बाजारों की संख्या 289 से 317 तक बढ़ा दी गई है।
  • इस संशोधन से पहले, इस श्रृंखला को 1944 से 1949; 1949 से 1960, 1960 से 1982 और 1982 से 2001 तक संशोधित किया गया।