सामयिक - 19 January 2023

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राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन


4 जनवरी, 2023 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 20,000 करोड़ रुपये की लागत वाले 'राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission-NGHM) को मंजूरी दी।

  • NGHM राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन (NHM) का एक भाग है, जिसकी घोषणा वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2021-22 में की थी।
  • इसे हरित हाइड्रोजन के व्यावसायिक उत्पादन को प्रोत्साहित करने तथा भारत को ईंधन का शुद्ध निर्यातक देश बनाने हेतु एक विशिष्ट कार्यक्रम के रूप में आरंभ किया गया है।

मिशन के संदर्भ में

  • नोडल मंत्रालय: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय।
  • उद्देश्य: भारत को हरित हाइड्रोजन के उपयोग, उत्पादन तथा निर्यात हेतु 'वैश्विक केंद्र' (Global Center) के रूप में विकसित करना।
  • लक्ष्य: इसके लक्ष्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
    • देश में वर्ष 2030 तक लगभग 125 गीगावाट (GW) की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विकसित करना।
    • प्रति वर्ष कम-से-कम 5 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता का विकास करना।
    • समग्र रूप से लगभग 8 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करके देश में 6 लाख नौकरियों को सृजित करना।
    • जीवाश्म ईंधन के आयात में 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की शुद्ध कमी लाना तथा देश में वार्षिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में लगभग 50 मीट्रिक टन की कमी करना।

मिशन के तहत उप योजनाएं

  • हरित हाइड्रोजन संक्रमण कार्यक्रम हेतु रणनीतिक हस्तक्षेप (Strategic Interventions for Green Hydrogen Transition Programme-SIGHT): इसके माध्यम से इलेक्ट्रोलाइज़र के घरेलू निर्माण को निधि प्रदान की जाएगी तथा हरित हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • हरित हाइड्रोजन हब (Green Hydrogen Hub): हरित हाइड्रोजन के उत्पादन तथा उपयोग की व्यापक क्षमता वाले राज्यों एवं क्षेत्रों की पहचान करके उन्हें हरित हाइड्रोजन हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • महत्व: इस मिशन से उद्योगों, परिवहन साधनों तथा ऊर्जा के अन्य क्षेत्रों में डीकार्बोनाइज़ेशन की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा।
    • इससे आयातित जीवाश्म ईंधन एवं फीडस्टॉक पर निर्भरता कम करने में सहायता मिलेगी।
    • घरेलू विनिर्माण क्षमता में वृद्धि करने, रोजगार की अतिरिक्त संभावनाएं उत्पन्न करने तथा नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देने में भी मदद मिल सकेगी।

हाइड्रोजन क्या है?

  • परिचय: हाइड्रोजन एक रासायनिक तत्व है जिसे प्रतीक H और परमाणु संख्या 1 से निरूपित किया जाता है।
  • विशेषताएं: यह अत्यंत ही हल्का रासायनिक पदार्थ है जो ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर मात्रा (सभी सामान्य पदार्थों का लगभग 75%) में उपलब्ध है।
    • यह तत्व रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन, गैर-विषैला (Non-toxic) एवं अत्यधिक ज्वलनशील माना जाता है।
    • हाइड्रोजन ईंधन (Hydrogen Fuel) शून्य-उत्सर्जन ईंधन है। इसे ईंधन सेल (Fuel Cells) अथवा आंतरिक दहन इंजनों (Internal Combustion Engines) में और अंतरिक्ष यान प्रणोदन (Spacecraft Propulsion) के लिए ईंधन के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है।

हाइड्रोजन का निष्कर्षण

  • प्रकृति में हाइड्रोजन अन्य तत्वों के साथ संयोजन में उपलब्ध है। इसका उपयोग ऊर्जा के स्रोत के रूप में करने के लिए इसे प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले यौगिकों जैसे जल (दो हाइड्रोजन परमाणु तथा एक ऑक्सीजन परमाणु के संयोजन) से निष्कर्षित किया जाता है।
  • जिन स्रोतों और प्रक्रियाओं से हाइड्रोजन प्राप्त होता है उन्हें विभिन्न रंगों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
    • ब्राउन हाइड्रोजन (Brown Hydrogen): जब कोयले को उच्च दबाव की स्थिति में परिवर्तित (Transformed) किया जाता है तो इस प्रक्रिया में ब्राउन हाइड्रोजन का उत्पादन होता है। इसमें निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस को वापस हवा में छोड़ दिया जाता है।
    • ग्रे हाइड्रोजन (Grey Hydrogen): जब मीथेन को दहन करके प्राकृतिक गैस में परिवर्तित किया जाता है तो ग्रे हाइड्रोजन उत्पादित होती है। दहन की प्रक्रिया से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस को वापस हवा में छोड़ दिया जाता है।
    • ब्लू हाइड्रोजन (Blue Hydrogen): ब्लू हाइड्रोजन का उत्पादन भी प्राकृतिक गैस द्वारा किया जाता है, किंतु इसमें अंतिम उत्पाद के रूप में निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड को संग्रहीत करके कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित किया जाता है।
    • ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen): इलेक्ट्रोलिसिस नामक एक विधि का उपयोग करके जल से ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है, इस प्रक्रिया का संचालन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे पवन अथवा सौर ऊर्जा द्वारा किया जाता है।

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ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित ड्राफ्ट नियम


2 जनवरी, 2023 को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने ऑनलाइन गेमिंग के लिये नियमों का मसौदा जारी किया।

  • प्रस्तावित नियमों को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम-2021 [Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules-2021] में संशोधन के रूप में पेश किया गया है।

नियमों के महत्वपूर्ण प्रावधान

  • स्व-नियामक निकाय के तहत पंजीकरण: सभी ऑनलाइन खेलों (Games) को एक स्व-नियामक निकाय के साथ पंजीकृत करना अनिवार्य होगा। साथ ही, केवल निकाय द्वारा स्वीकृत गेम्स को ही भारत में कानूनी रूप से संचालित करने की अनुमति प्राप्त होगी।
    • स्व-नियामक निकाय की संख्या एक अथवा उससे अधिक हो सकती है। निकाय का संचालन विविध क्षेत्रों के 5 सदस्यों (ऑनलाइन गेमिंग, सार्वजनिक नीति, सूचना प्रौद्योगिकी, मनोविज्ञान और चिकित्सा से संबंधित) वाले एक निदेशक मंडल द्वारा किया जाएगा।
  • फर्मों को निर्देश: ऑनलाइन गेमिंग फर्मों को अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए उपयोगकर्त्ताओं के KYC की जानकारी रखनी होगी। उन्हें पैसों की निकासी (Transparent Withdrawal) तथा वितरण को पारदर्शी बनाना होगा। नियमों के अनुसार, KYC के लिये उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करना होगा।
  • सट्टेबाज़ी पर प्रतिबंध: ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को विभिन्न खेलों के परिणामों पर सट्टेबाज़ी की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • विवाद समाधान तंत्र: ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाओं के लिए 'सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2021' (IT Rule-2021) के तहत निर्धारित एक त्रि-स्तरीय विवाद समाधान तंत्र (Dispute resolution mechanism) का निर्माण किया जाएगा। इसके अंतर्गत शामिल होंगे:
    • गेमिंग प्लेटफॉर्म के स्तर पर एक शिकायत निवारण प्रणाली,
    • उद्योगों के स्व-नियामक निकाय, तथा
    • सरकारी नेतृत्व में एक निरीक्षण समिति।

भारत में ऑनलाइन गेमिंग

  • वैश्विक भागीदारी: वैश्विक स्तर पर फैंटेसी स्पोर्ट्स (Fantasy sports) का सबसे बड़ा बाजार भारत में निर्मित हुआ है, यहां 200 से अधिक प्लेटफॉर्म पर 13 करोड़ से अधिक ऑनलाइन गेमिंग के उपयोगकर्ता हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में लगभग 40 से 45% गेमर्स महिलाएं हैं।
  • वृद्धि दर: देश में इस उद्योग में वर्ष 2017-2020 के मध्य 38% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (Compound Annual Growth Rate-CAGR) दर्ज की गई, जबकि समान अवधि में चीन एवं अमेरिका में यह वृद्धि दर क्रमशः 8% तथा 10% थी।
    • सरकारी अनुमानों के अनुसार भारतीय मोबाइल गेमिंग उद्योग का राजस्व वर्ष 2025 में 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
  • वर्गीकरण: ऑनलाइन गेमिंग को सामान्य रूप से दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है:
    • गेम ऑफ चांस अथवा जुआ (Game of chance or Gambling): इस प्रकार के खेल संयोग पर आधारित होते हैं तथा बिना किसी रणनीति के इन्हें खेला जा सकता है। इनके परिणाम अप्रत्याशित रहते हैं तथा एक व्यक्ति इन खेलों को पूर्व ज्ञान या समझ के बिना भी खेल सकता है। डाइस गेम, नंबर चुनना (Picking a number) आदि इसके प्रमुख उदाहरण है। इस प्रकार के खेल भारत में अवैध माने जाते हैं।
    • गेम ऑफ स्किल अथवा गेमिंग (Game of skill or Gaming): इसके अंतर्गत उन सभी खेलों को शामिल किया जाता है जो किसी व्यक्ति द्वारा पूर्व ज्ञान अथवा खेल के अनुभव के आधार पर खेले जाते हैं। इसके लिए व्यक्ति में विश्लेषणात्मक निर्णय लेने, तार्किक सोचएवं क्षमता आदि जैसे कौशलों की आवश्यकता होती है। इस तरह के खेलों को अधिकांश भारतीय राज्यों में कानूनी मान्यता प्राप्त है।

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