सामयिक - 21 January 2023

सामयिक खबरें आर्थिकी

नगरपालिका बांड पर सूचना डेटाबेस


20-21 जनवरी, 2023 को बाजार नियामक 'भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड' (SEBI) द्वारा नगरपालिका बांड और नगरपालिका वित्त पर एक आउटरीच कार्यक्रम (An Outreach Program On Municipal Bonds And Municipal Finance) आयोजित किया गया।


  • इस कार्यक्रम में SEBI ने म्यूनिसिपल बॉन्ड्स पर एक सूचना डेटाबेस (Information Database on Municipal Bonds) लॉन्च किया।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • उपर्युक्त कार्यक्रम को बॉन्ड बाजारों (bond markets) को विकसित करने के प्रयासों के तहत आयोजित किया गया था।
  • सूचना डेटाबेस: सूचना डेटाबेस में निम्नलिखित सूचनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला होती है:
    • सांख्यिकी और नियम (Statistics and regulations),
    • परिपत्र (Circulars),
    • मार्गदर्शन नोट (Guidance note) और
    • नगरपालिका ऋण प्रतिभूतियों के संबंध में सेबी द्वारा जारी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)।

म्यूनिसिपल बांड के संदर्भ में

  • परिचय: म्यूनिसिपल बॉन्ड या मुनि बॉन्ड (Municipal bond or muni bond) भारत में नगर निगमों या संबद्ध निकायों द्वारा जारी किया गया एक ऋण साधन (Debt instrument) है।
  • उपयोग: ये स्थानीय सरकारी निकाय इन बांडों के माध्यम से जुटाई गई धनराशि का उपयोग पुलों, स्कूलों, अस्पतालों के निर्माण, घरों को उचित सुविधाएं प्रदान करने आदि जैसी सामाजिक-आर्थिक विकास परियोजनाओं के वित्तपोषण (Finance Projects For Socio-Economic Development) हेतु करते हैं।
  • परिपक्वता अवधि और रिटर्न: इस तरह के बांड तीन साल की परिपक्वता अवधि (Maturity Period) के साथ जारी किए जाते हैं। नगर निगम इन बांडों पर प्राप्त राजस्व से रिटर्न प्रदान करते हैं।

म्यूनिसिपल बांड जारी करने से संबंधित सेबी के दिशानिर्देश

  • SEBI द्वारा स्थानीय सरकारी निकायों (Local Government Bodies) को ऐसे स्रोतों से वित्त जुटाने में सक्षम बनाने के लिए वर्ष 2015 में नगरपालिका बांड जारी करने से संबंधित दिशानिर्देशों को संशोधित किया गया है।
  • इस संशोधन के पश्चात, विभिन्न शहरों को 'कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन' (Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation-AMRUT) तथा 'स्मार्ट सिटीज़ मिशन' (Smart Cities Mission) जैसी पहलों के तहत लाभ प्राप्त हुए हैं।

सामयिक खबरें पर्यावरण

समतापमंडलीय ओजोन परत में सुधार


9 जनवरी, 2023 को अमेरिकी मौसम विज्ञान सोसायटी की 103वीं वार्षिक बैठक के दौरान समतापमंडलीय ओजोन परत (Stratospheric Ozone Layer) पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।

  • रिपोर्ट के अनुसार समताप मंडल की सुरक्षात्मक ओज़ोन परत में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिससे सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी (UV) किरणों की मानवों तक सीधी पहुँच घटी है।
  • रिपोर्ट का शीर्षक: ओजोन क्षरण का वैज्ञानिक आकलन 2022 (Scientific Assessment of Ozone Depletion 2022)।
  • जारीकर्ता संस्थान/संगठन: ओजोन क्षयकारी पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol on Ozone Depleting Substances) के वैज्ञानिक मूल्यांकन पैनल की यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित विशेषज्ञों के एक दल द्वारा तैयार की गई है। इसे निम्नलिखित संगठनों के सहयोग से विकसित किया गया है-
    • विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO),
    • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP),
    • नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA),
    • अमेरिकी वाणिज्य विभाग तथा
    • यूरोपीय आयोग।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

  • सुधार: विशेषज्ञों द्वारा किए गए आकलन के अनुसार, अगले 4 दशकों में समतापमंडलीय ओजोन का स्तर, 1980 के स्तर तक पहुँचने की संभावना है।
  • अंटार्कटिका: रिपोर्ट के अनुसार, यदि वर्तमान नीतियों को लागू करना जारी रखा जाता है, तो अंटार्कटिका के ऊपर स्थित विशाल ओजोन छिद्र 2066 तक ठीक हो सकता है|
  • आर्कटिक तथा शेष विश्व: समतापमंडलीय ओजोन का स्तर आर्कटिक के ऊपर 2045 तक तथा शेष वैश्विक स्तर पर 2040 तक 1980 के स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है|
  • सुधार का कारण: ओजोन परत में सुधार तथा ओजोन छिद्र के कम होने का प्रमुख कारण 1989 के मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का कार्यान्वयन तथा कुछ हानिकारक ओजोन क्षयकारी पदार्थ (Ozone Depleting Substances – ODS) का सफलतापूर्वक उन्मूलन है।
  • ODS उपयोग का वर्तमान स्तर: मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल द्वारा प्रतिबंधित लगभग 99 प्रतिशत पदार्थों का उपयोग नहीं हो रहा है, जिसके परिणामस्वरूप ओजोन परत के स्तर में धीमी लेकिन निश्चित गति से सुधार हुआ है।

समतापमंडलीय ओजोन संस्तर

  • परिचय: ओजोन (तीन ऑक्सीजन परमाणुओं वाला एक अणु या O3) मुख्य रूप से ऊपरी वायुमंडल में समताप मंडलीय संस्तर में पाई जाती है, जो पृथ्वी की सतह से 10 से 50 किमी. के बीच स्थित है।
    • महत्व: यह पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है। पराबैंगनी किरणों को त्वचा कैंसर तथा पौधों और जानवरों में कई अन्य बीमारियों और विकृतियों का कारण माना जाता है।
  • सामान्य अवस्था: सामान्यतः ओजोन समताप मंडल में अत्यंत कम सांद्रता में मौजूद है।

ओजोन छिद्र क्या है?

  • 1980 के दशक की शुरुआत में पहली बार ओजोन परत में क्षरण दर्ज किया गया था तथा यह गिरावट दक्षिणी ध्रुव पर कहीं अधिक स्पष्ट थी।
    • इसी समस्या को आमतौर पर ओजोन परत में ‘छिद्र’ के रूप में जाना जाता है, परन्तु वास्तव में यह ओजोन अणुओं की सांद्रता में कमी है।
  • क्षरण: कई प्रकार के रसायनों के निर्माण से ओजोन परत का क्षरण होता है। अंटार्कटिका पर वसंत के मौसम में रासायनिक प्रक्रियाओं से समताप मंडलीय ओजोन को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है।
    • उस क्षेत्र में मौजूद विशेष मौसम तथा रासायनिक स्थितियों के कारण भी ओजोन छिद्र का निर्माण होता है।

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल

  • ओजोन परत को नुकसान पहुँचाने वाले विभिन्न पदार्थों जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) के उत्पादन तथा उपभोग पर नियंत्रण के उद्देश्य के साथ 1987 में एक अंतरराष्ट्रीय समझौता किया गया था। जिसे मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) कहा गया।
  • मॉण्ट्रियाल प्रोटोकॉल लगभग 100 मानव निर्मित रसायनों, या 'ओज़ोन-क्षयकारी पदार्थों' (ODS) की खपत और उत्पादन को नियंत्रित करने हेतु, एक ऐतिहासिक बहुपक्षीय पर्यावरण समझौता है।
  • यह विश्व की सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसने ग्लोबल वार्मिंग की दर को सफलतापूर्वक धीमा किया है।

पीआईबी न्यूज राष्ट्रीय

मेघालय मणिपुर और त्रिपुरा का स्थापना दिवस


21 जनवरी, 2023 को पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा अपना स्थापना दिवस मना रहा है।

महत्वपूर्ण तथ्य :

  • पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम 1971 के तहत मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा को 21 जनवरी, 1972 को अलग राज्य का दर्जा दिया गया था।
  • मणिपुर और त्रिपुरा को 1949 में केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था।
  • नागालैंड को 1 दिसम्बर, 1963 को राज्य का दर्जा दिया गया था।
  • मेघालय को असम के भीतर ही असम पुनर्गठन (मेघालय) अधिनियम, 1969 के द्वारा स्वायत्त राज्य बनाया गया था।

दैनिक समसामयिकी

पुराने करंट अफेयर्स देखने के लिए, कृपया नीचे तिथि चुनें