दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम)

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) को भारत सरकार के आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय (MHUPA) द्वारा 2013 में मौजूदा स्वर्ण जयंती शहर रोजगार योजना (SJSRY) के स्थान पर शुरू किया गया था।

  • एनयूएलएम शहरी गरीबों का कौशल विकास प्रदान कर सशक्त संस्थानों में संगठित करने पर जोर देता है; जिससे वे अवसर सृजित कर सके या बाजार आधारित रोजगार प्राप्त कर सकें। इसके साथ ही आसानी से ऋण प्रदान कर स्व-रोजगार उद्यम स्थापित करने में सहायता प्रदान की जाएगी।

उद्देश्यः मिशन का लक्ष्य शहरी बेघरों को चरणबद्ध तरीके से,जरूरी सेवाओं से युक्त आश्रय मुहैया कराना है। इसके अतिरिक्त, मिशन में शहरी पथ विक्रेताओं के आजीविका संबंधी मामलों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

  • जनवरी 2019 तक मिशन के तहत देश में शहरी बेघरों के लिए 1,144 आश्रयस्थल का निर्माण किया जा चुका है। 18.26 लाख चिह्नित स्ट्रीट वेंडरों में से 9.13 लाख वेंडरों को आईडी कार्ड जारी किए गए हैं।
  • देश भर में 1,187 कौशल प्रशिक्षण प्रदाताओं और 6,136 प्रशिक्षण केंद्रों का एक नेटवर्क बनाया गया है, जहां युवाओं को प्रशिक्षित कर, उनमें नौकरी से संबंधित कौशल प्रदान किया जा रहा है।
  • मिशन के तहत स्थापित शहरी आजीविका केंद्र (CLCs) शहरी स्थानीय निकाय (ULB) स्तर पर अति-अनौपचारिक स्थानीय सेवा क्षेत्र को व्यवस्थित किया जा रहा है। स्व-नियोजित और फ्रीलांसिंग सेवा प्रदाता, जैसे कि इलेक्ट्रीशियन, बढ़ई, प्लंबर, चित्रकार, दर्जी, टड्ढूटर आदि सीएलसी में पंजीकृत किये जायेंगे और ग्राहक सीएलसी को कॉल करके इन सेवाओं तक पहुंच सकते हैं। देश भर में 350 से अधिक सीएलसी को परिचालन में लाया गया है।
  • राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों/ULBs में प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ाने के लिए 2017 में SPARK रैंकिंग प्रारंभ की गयी थी।