उत्तर-पूर्वी क्षेत्र शहरी विकास कार्यक्रम

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 10 वर्षों (2009-19 तक) की अवधि के लिए में शुरू किया गया, इस कार्यक्रम का उद्देश्य है-

  • जल आपूर्ति, स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्रों में शहरी बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार करना।
  • संस्थागत और वित्तीय सुधारों के माध्यम से शहरी स्थानीय निकायों की परियोजना प्रबंधन और क्षमता निर्माण।
  • उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए एक महत्वपूर्ण उपश्रेणी कार्यक्रम- लम्पसुम प्रावधान योजना है। इसमें सिक्किम सहित उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विकास की परियोजनाओं / योजनाओं पर मंत्रालयों या विभागों के लिए कुल बजट प्रावधान का 10% खर्च किया जाएगा।

शहरी परिवहन

सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC), 2011 के अनुसार हमारी आबादी का लगभग 32% शहरी क्षेत्रों में रहता है। शहरी क्षेत्रों को अर्थव्यवस्था का विकास इंजन माना जाता है। इस वृद्धि इंजन का सबसे बड़ा घटक गतिशीलता है, इसलिए शहरी परिवहन, राज्य की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

गतिशीलता / परिवहन आवश्यकताओं को संबोधित करने के लिए निम्नलिखित नीतिगत उपाय किए गए हैं -

  • नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) (2019): इसे ‘वन नेशन वन कार्ड’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह इंटर-ऑपरेटेबल है, जिससे यात्री अपनी बस यात्रा, टोल टैक्स, पार्किंग शुल्क, खुदरा खरीदारी के लिए भुगतान कर सकेंगे और यहां तक कि पैसे भी निकाल सकते हैं। प्रोटोटाइप को BHEL (भारत हैवी इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड) द्वारा विकसित किया गया है।
  • मेट्रो रेल नीति (2017): यह देश में मेट्रो रेल नेटवर्क बढ़ाने की परिकल्पना करती है। निजी निवेश, अर्बन मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का गठन, परियोजनाओं के तीसरे पक्ष के मूल्यांकन आदि सुविधाओं के साथ, इसका उद्देश्य भारत की मेट्रो महत्वाकांक्षाओं को अगले स्तर तक ले जाना है। 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने पर जोर, पारगमन उन्मुख विकास नीति आदि सही दिशा में उठाये जाने वाले कदम हैं।