स्वच्छ भारत मिशन (शहरी)

खुले में शौच की समाप्ति और उचित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन को प्रारंभ किया गया। यह कार्यक्रम मिशन मोड में 5 वर्ष (2014-2019) के लिए शुरू किया गया था। यह आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) की एक प्रमुख योजना है।

  • ओडीएफ प्रगतिः भारत ने ओडीएफ का दर्जा राष्ट्रीय स्तर पर हासिल कर लिया, क्योंकि अक्टूबर, 2019 (150वीं गांधी जयंती) तक सभी राज्यों ने अपने को ओडीएफ घोषित कर दिया। इसके अंतर्गत 9 करोड़ से अधिक शौचालय (घरों और समुदाय दोनों को मिलाकर) बनाए गए हैं।
  • ODF + और ODF ++ प्रोटोकॉल लॉन्च किए गए हैं। ODF + सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव पर ध्यान केंद्रित करता है; जबकि ODF ++ मल-निपटान सुरक्षित निस्तारण का समाधान करता है।
  • सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम की प्रगतिः नवीनतम आंकड़ों (2019) के अनुसार, 84,229 वार्डों में से 72,503 वार्डों (86%) में 100% डोर टू डोर कलेक्शन किया जा रहा हैं और उत्पन्न कचरे का 51-26% संसाधित किया जा रहा है (2014 में 18% के करीब था)।
  • अपशिष्ट से खाद और बिजली बनाने की नीति को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा, उचित अपशिष्ट निपटान सुनिश्चित करने के लिए अपशिष्ट के पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण की नीति शुरू की गई है। स्वच्छ सर्वेक्षण सर्वे, स्वच्छता सेल्फी आदि पहलों ने योजना के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद की है।
  • चुनौतियां: शौचालय के आंशिक उपयोग की समस्या का समाधान करना और गांवों की ओडीएफ स्थिति को बनाए रखना, खुले में शौच के बारे में लोगों की मानसिकता बदलना, असुरक्षित शौचालयों की समस्या, मैनुअल स्कैवेंजिंग आदि।
  • उपरोक्त चुनौतियों को दूर करने के सुझावः ODF + और ODF ++ जैसी पहल को पूरी गंभीरता के साथ लागू करना, उचित सूचना प्रसार का प्रयोग कर खुले में शौच की बीमारियों के बारे में जागरुकता पैदा करने जैसे पहलों के माध्यम से मुद्दों को संबोधित किया जा सकता है।