दीपा भाटी

जीवन परिचय

नामः दीपा भाटी

पिता का नामः बलजीत सिंह (बिजनेस)

माता का नामः कृष्णा देवी (टीचर)

पतिः नरेंद्र सिंह (बिजनेस)

शैक्षणिक योग्यता

  • दसवीं: केंद्रीय विद्यालय (एयर फोर्स स्टेशन दादरी), प्रथम श्रेणी
  • बारहवीं: केंद्रीय विद्यालय (एयर फोर्स स्टेशन हिंडन गाजियाबाद), प्रथम श्रेणी
  • बीएससीः मिहिर भोज डिग्री कॉलेज दादरी (कालेज टॉपर)
  • एमएससी (Chemistry): MMHK कॉलेज गाजियाबाद, प्रथम श्रेणी
  • बीएडः CCS University, प्रथम श्रेणी
  • एमए (इतिहास): CCS University, प्रथम श्रेणी

अभिरुचियां

  • पेंटिंग डांसिंग सिंगिंग रीडिंग बुक्स
  • Preparing best out of waste
  • Home decoration

आदर्श व्यक्ति

  • डॉक्टर भीमराव अंबेडकर
  • विवेकानंद जी
  • सकारात्मक एवं नकारात्मक पक्षः आशावादी एवं मेहनती इमोशनल

समसामयिकी क्रॉनिकलः यूपीपीसीएस 2021 में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में परिवार, मित्रों व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?

दीपा भाटीः धन्यवाद, परीक्षा में सफलता मेरे परिवार का बहुत अधिक महत्वपूर्ण योगदान रहा है; जैसे कि मैंने इस परीक्षा की तैयारी विवाह के उपरांत करनी शुरू की।

विवाह के 13 वर्ष के बाद 2018 से मैंने अपनी जॉब से रिजाइन करके तैयारी के बारे मे सोचा। उस समय बच्चों की मां थी, इसलिए यह बहुत कठिन निर्णय था।

छोटा भाई जो कि आई-ए-एस- ऑफिसर है, मेरे पति बैंक में नौकरी करते है, इन्होंने इस परीक्षा की तैयारी में मेरा बहुत सहयोग किया।

समसामयिकी क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?

दीपा भाटीः 2018 से मैंने इस परीक्षा की तैयारी करना शुरू की। सर्वप्रथम मैंने सारे सिलेबस को डाउनलोड किया, टॉपर्स की स्ट्रैटेजिस को स्ट्डी किया, प्रीवियस ईयर पेपर्स का अध्ययन करते हुए एक बुक लिस्ट तैयार की।

तैयारी के लिए कोई आदर्श समय नहीं है। बेहतर है कि आप जब अपने आपको इसके लिए तैयार पाएं, आप कर सकते हैं। जैसा कि अधिकतर विद्यार्थी कॉलेज की ग्रेजुएशन ईयर से इसकी प्रिपरेशन शुरू करते हैं; क्योंकि सिलेबस को खत्म करने में कम से कम दो साल का समय लगता है।

समसामयिकी क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानती हैं कि अंग्रजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?

दीपा भाटीः आप जिस भषा में चाहें और बेहतर ढंग से अपने भावों को प्रस्तुत कर सकते हैं, वही भाषा का प्रयोग करें, जैसा कि मैंने इंग्लिश माध्यम से एग्जाम्स दिए।

समसामयिकी क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?

दीपा भाटीः मेरा वैकल्पिक विषय एंथ्रोपोलॉजी था मैं शुरू से विज्ञान की विद्यार्थी रही हूं और एंथ्रोपोलॉजी में सोशियोलॉजी और साइंस दोनों का मिश्रण है। इसको ट्विन सिस्टर ऑफ सोशियोलॉजी कहा जाता है। मुझे यह विषय पढ़ने में रुचिकर लगा तो मैंने इसकी तैयारी करने का सोचा।

समसामयिकी क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुत्तफ़ मानती हैं? तीनों चरणों की तैयारी में आपके समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?

दीपा भाटीः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए कम से कम 2 वर्ष के समय की जरूरत होती है इस परीक्षा की तैयारी इंटीग्रेटेड रूप से करनी पड़ती है।

प्री मेंस इंटरव्यू सबको एक साथ लेकर तैयारी करेंगे तो आप निश्चय ही सफलता प्राप्त करेंगे।

थोड़ा रणनीति में चेंज करना पड़ता है, जैसे कि मुख्य परीक्षा के सिलेबस को प्रारंभिक परीक्षा से 3 महीने पहले तक खत्म कर लेना चाहिए। उसके पश्चात सिर्फ और सिर्फ प्रारंभिक परीक्षा पर ही फोकस करना होता है।

प्री परीक्षा से पहले ज्यादा से ज्यादा मॉकटेस्ट लगाएं और अपने आपको एक परीक्षा के वातावरण में टाइमर लगाकर टेस्ट दें। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप समय का मैनेजमेंट करना सीख पाएंगे और एग्जाम प्रेशर में भी अच्छे से वर्क करना जान पाएंगे।

समसामयिकी क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वाेत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठड्ढक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?

दीपा भाटीः यूपीपीसीएस की मुख्य परीक्षा के 4 प्रश्न पत्र होते हैं- जीएस 1, 2, 3, 4 क्योंकि यह सभी प्रश्न पत्र सब्जेक्टिव होते हैं; इसलिए इनकी तैयारी के लिए हमें सिलेबस के अन्दर दिए गए सभी टॉपिक्स का विस्तृत अध्ययन करना होता है। मुख्य परीक्षा में दिए गए सिलेबस के हर पॉइंट के शार्ट नोट्स बनाए। ताकि एग्जाम के समय हमारा समय सदुपयोग हो सके। फ्रलो चाटण कीवर्ड डायग्राम मैप्स का बेहतर उपयोग करें मुख्य परीक्षा की आांसर राइटिंग के दौरान।

समसामयिकी क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?

दीपा भाटीः जी, हां मैंने प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की तैयारी के दौरान नोट्स बनाएं। यह समय का समुचित उपयोग करने में मदद करते हैं। निमोनिक्स की मदद से कठिन विषयों को आसानी से याद कर सकते हैं।

समसामयिकी क्रॉनिकलः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के प्रश्न-पत्र की तैयारी के लिए आपने क्या किया? छात्रों को इस संदर्भ में आप क्या मार्गदर्शन दे सकते हैं?

दीपा भाटीः नीतिशास्त्र सत्यनिष्ठा पत्र की तैयारी के लिए सर्वप्रथम मैंने सिलेबस में दिए गए कीवर्ड की डेफिनेशंस को अच्छे से किया और प्रीवियस ईयर पेपर्स के अध्ययन के द्वारा आंसर राइटिंग की। केस स्ट्डीज का अध्ययन करते हुए कीवर्ड्स का उपयोग किया। सिलेबस में दिए गए कीवर्ड को उदाहरण के द्वारा समझने का प्रयास किया।

समसामयिकी क्रॉनिकलः आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनाई?

दीपा भाटीः एक निबंध किसी एक विषय पर लेखक के तर्क का विश्लेषणात्मक प्रदर्शन को दर्शाता है। निबंध दो प्रकार के होते हैं- औपचारिक और अनौपचारिक। औपचारिक निबंध अवैयक्तिक विषयों पर केंद्रित होते है, जिसमें तथ्यात्मक सामग्री या आंकड़ों का प्रयोग करके उस विचार की पुष्टि की जाती है। जिस पर निबंध केन्द्रित होता है। अनौपचारिक निबन्ध में भावनात्मक पहलू के साथ-साथ विश्लेषण ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इस प्रश्न पत्र का आयोग द्वारा कोई सुपरिभाषित पाठड्ढक्रम निर्धारित नहीं किया गया है।

विगत वर्ष प्रश्न पत्रों के आधार पर निम्नलिखित कुछ विषयों पर सबसे ज्यादा निबंध पूछे जाते हैं-

समसामयिक महत्व की घटनाएं, सभ्यता एवं संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण, राजनीति एवं प्रशासन, आर्थिक विषय, दार्शनिक अथवा कल्पना मूलक विषय, सामाजिक महत्व के विषय।

समसामयिकी क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?

दीपा भाटीः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली के अंतर्गतः

  1. प्रश्न को समझना तथा सुविधा के लिए उसे कई टुकड़ों में बांटना
  2. उत्तर की रूपरेखा तैयार करना
  3. उत्तर लिखना
  4. उत्तर के प्रस्तुतीकरण को आकर्षण बनाना।

हम अपने उत्तर को अधिक आकर्षक बनाने के लिए फ्रलो चार्ट डायग्राम मैप कीवर्ड का प्रयोग कर सकते हैं और हमें उत्तर लिखते समय शब्द संख्या का विशेष रूप से ध्यान रखना होता है।

समसामयिकी क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? क्या किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुई?

दीपा भाटीः साक्षात्कार की तैयारी अलग से करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। साक्षात्कार हमारे व्यक्तित्व की परीक्षा होता है तथा हमारी एजुकेशनल क्वालीफिकेशंस और हमारे वर्क एक्सपीरियंस के अनुभव के आधार पर प्रश्न पूछे जाते हैं। कुछ प्रश्न हमारे वैकल्पिक विषय से संबंधित भी पूछे जाते हैं। इंटरव्यू पैनल का माहौल बहुत ही सहज होता है। मुझसे अधिकतर प्रश्न मेरे वर्क एक्सपीरियंस से संबंधित और समसामयिकी घटनाक्रम से संबंधित पूछे गए। जैसे एक अध्यापिका होने के नाते मुझसे प्रश्न पूछा कि मां की या परिवार की या शिक्षक, किसकी अधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है बालक को शिक्षा प्रदान करने में? एक प्रश्न मेरे ऑप्शनल विषय से संबंधित था, जिसमें पूछा गया कि घोटूल के संबंध में, जो कि छत्तीसगढ़ के बस्तर आदिवासी इलाके में पाई जाती है।

समसामयिकी क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?

दीपा भाटीः मैंने इस परीक्षा की तैयारी के लिए किसी भी प्रकार की कोई कोचिंग नहीं ली है। जो बच्चे प्रतियोगी परीक्षा की प्रिपपरेशन करना चाहते हैं और उन्हें किसी प्रकार का कुछ अनुभव नहीं, उनको स्टडी मैटेरियल बुक्स प्रीवियस ईयर पेपर्स और विषयों को समझाने में कोचिंग मद्दगार सिद्ध हो सकती है।

समसामयिकी क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?

दीपा भाटीः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं और आर्थिक रूप से कमजोर हैं, मैं ऐसे छात्रों को यही सलाह देना चाहूंगी कि आज के डिजिटल वर्ल्ड में सब बुक्स गाइडेंस प्रीवियस ईयर के क्वेश्न पेपर्स सिलेबस रेफरेंस बुक्स टॉपर्स की स्ट्रेटजी आसानी से उपलब्ध है। चीजों की मदद के द्वारा आपअपनी तैयारी की रूपरेखा तैयार कर सकते हैं। एक पॉजिटिव आउटलुक पर्सीवरेंस हार्ड वर्क और डेडीकेशन के द्वारा आसानी से सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

समसामयिकी क्रॉनिकलः सामान्य धारणा यह है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करने से पूर्व कोई कैरियर विकल्प भी अपने पास रखना चाहिए। क्या आपने भी कोई कैरियर विकल्प रखा था?

दीपा भाटीः सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करने से पूर्व कोई कैरियर विकल्प अपने पास अवश्य रखना चाहिए। हम अपने हिस्से की मेहनत कर सकते हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि सफलता सभी को प्राप्त हो जाए। इसलिए जीवन में हमेशा एक दूसरा प्लान अवश्य होना चाहिए, अगर किसी कारण से सफल नहीं हो पाए।

समसामयिकी क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओंसे आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओंका अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?

दीपा भाटीः सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। यूपीपीसीएस परीक्षा की तैयारी के लिए मैंने विजन आईएएस की मंथली मैगजीन एवं क्रॉनिकल मैगजीन घटनाचक्र की वार्षिकी अर्द्धवार्षिकी पत्रिका के द्वारा समसामयिकी घटनाओं का विस्तृत अध्ययन किया एवं समय-समय पर इन पत्रिकाओं में टॉपर्स के इंटरव्यू द्वारा प्रेरणा भी ग्रहण की।

समसामयिकी क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार की बदलाव की अपेक्षा रखते हैं?

दीपा भाटीः सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी के लिए क्रॉनिकल पत्रिका बहुत अच्छी पत्रिका है। यह मैगजीन समसामयिकी घटनाक्रम को प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के प्रश्न पत्रें के अनुरूप विभाजित करके तैयार करती है। परीक्षा से संबंधित सामान्य अध्ययन के महत्वपूर्ण विषयों का समालोचनात्मक एवं विश्लेषणात्मक वर्णन प्रस्तुत करती है।

IAS/PCS सक्सेस सूत्र