महत्वपूर्ण समिति एवं आयोग
पंचायतीराज से संबंधित
| 
		 समिति एवं आयोग  | 
	
		 स्थापना  | 
	
		 उद्देश्य  | 
	
		 अन्य जानकारी  | 
| 
		 बलवंत राय मेहता समिति  | 
	
		 1957  | 
	
		 सामुदायिक विकास के कामकाज की जांच करने हेतु  | 
	
		 त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना हेतु सिफारिश।  | 
| 
		 अशोक मेहता समिति  | 
	
		 1977  | 
	
		 पंचायती राज संस्थान हेतु स्थापित  | 
	
		 दो स्तरीय पंचायत संरचना की सिफारिश  | 
| 
		 जी.वी.के. राव समिति  | 
	
		 1985  | 
	
		 ग्रामीण विकास और गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के लिए मौजूदा प्रशासनिक व्यवस्था की समीक्षा करने हेतु स्थापित  | 
	
		 लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की योजना में जिला परिषद को सबसे महत्वपूर्ण निकाय माना  | 
| 
		 एल-एम- सिंघवी समिति  | 
	
		 1986  | 
	
		 पंचायती राज व्यवस्था को पुनर्जीवित करने के उपायों हेतु  | 
	
		 पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक रूप से मान्यता दी जानी चाहिए  | 
| 
		 पी.के. थुंगन समिति  | 
	
		 1989  | 
	
		 पंचायती राज व्यवस्था  | 
	
		 पंचायती निकायों के लिए संवैधानिक मान्यता की सिफारिश की।  | 
केंद्र-राज्य संबंध से संबंधित
| 
		 समिति एवं आयोग  | 
	
		 स्थापना  | 
	
		 उद्देश्य  | 
	
		 अन्य जानकारी  | 
| 
		 सरकारिया आयोग  | 
	
		 1983  | 
	
		 केंद्र-राज्य संबंधों की जांच करने  | 
	
		 बी- शिवरामन और डॉ. एस-आर- सेन इसके सदस्य थे। इसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति रंजीत सिंह सरकारिया ने की थी।  | 
| 
		 पी-वी- राजमनार समिति  | 
	
		 1969  | 
	
		 केंद्र-राज्य संबंधों की जांच करने  | 
	
		 अंतर-राज्य परिषद के शीघ्र गठन की सिफारिश की  | 
| 
		 एम-एम-पुंछी समिति  | 
	
		 2007  | 
	
		 केंद्र-राज्य संबंध  | 
	
		 भारत के मुख्य न्यायाधीश मदन मोहन पुंछी इसके अध्यक्ष थे  | 
गरीबी निवारण
| 
		 समिति एवं आयोग  | 
	
		 स्थापना  | 
	
		 उद्देश्य  | 
	
		 अन्य जानकारी  | 
| 
		 वी.एम. दांडेकर  | 
	
		 1971  | 
	
		 गरीबी का अनुमान  | 
	
		 -  | 
| 
		 अलघ समिति  | 
	
		 1979  | 
	
		 गरीबी का अनुमान  | 
	
		 इसने पोषण संबंधी आवश्यकताओं और संबंधित उपभोग व्यय के आधार पर गरीबी रेखा का निर्माण किया।  | 
| 
		 लकड़ावाला समिति  | 
	
		 1993  | 
	
		 गरीबी का अनुमान  | 
	
		 राज्य-विशिष्ट गरीबी रेखाएँ बनाई जानी चाहिए और सरकार ने 1997 में समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया।  | 
| 
		 तेंदुलकर समिति  | 
	
		 2009  | 
	
		 गरीबी का अनुमान  | 
	
		 समिति ने पहले की समितियों द्वारा उपयोग की जाने वाली सार्वभौमिक संदर्भ अवधि के विपरीत मिश्रित संदर्भ अवधि का उपयोग किया।  | 
| 
		 सी रंगराजन समिति  | 
	
		 2012  | 
	
		 गरीबी का आकलन  | 
	
		 समिति ने 2014 को अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की।  | 
भाषाई आधार पर राज्यों का गठन
| 
		 समिति एवं आयोग  | 
	
		 स्थापना  | 
	
		 उद्देश्य  | 
	
		 अन्य जानकारी  | 
| 
		 एस.के.धर समिति  | 
	
		 1948  | 
	
		 भाषाई आधार पर राज्यों का गठन।  | 
	
		 इसने प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्य के पुनर्गठन की सिफारिश की थी।  | 
| 
		 जे.वी.पी. समिति  | 
	
		 1948  | 
	
		 भाषाई आधार पर नए राज्यों का गठन।  | 
	
		 इसमें जवाहरलाल नेहरू, वल्लभभाई पटेल और पट्टाभि सीतारमैया शामिल थे।  | 
| 
		 फजल अली समिति  | 
	
		 1953  | 
	
		 भाषाई आधार पर राज्यों के विभाजन।  | 
	
		 इसमें हृदयनाथ कुंजरू और केएम पणिक्कर भी शामिल थे।  | 
कृषि एवं उद्योग से संबंधित
| 
		 समिति एवं आयोग  | 
	
		 स्थापना  | 
	
		 उद्देश्य  | 
	
		 अन्य जानकारी  | 
| 
		 अभिजीत सेन समिति  | 
	
		 2002  | 
	
		 दीर्घकालिक अनाज नीति  | 
	
		 केंद्रीय निर्गम मूल्यों के साथ सार्वभौमिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सिफारिश की  | 
| 
		 हनुमंत राव समिति  | 
	
		 1997  | 
	
		 उर्वरकों की मूल्य नीति के संबंध में  | 
	
		 उर्वरक उद्योग को नियंत्रण-मुक्त करने की सिफारिश की।  | 
| 
		 आबिद हुसैन समिति  | 
	
		 1997  | 
	
		 लघु उद्योग से संबंधित  | 
	
		 -  | 
| 
		 खुसरो समिति  | 
	
		 1989  | 
	
		 कृषि ऋण प्रणाली  | 
	
		 इसने कृषि और ग्रामीण ऋण की समस्याओं की जांच की।  | 
| 
		 महाजन समिति  | 
	
		 1997  | 
	
		 चीनी उद्योग  | 
	
		 -  | 
| 
		 अभिजीत सेन समिति  | 
	
		 2002  | 
	
		 दीर्घकालिक अनाज नीति पर  | 
	
		 एमएसपी पूरी C2 लागत के प्रक्षेपण पर आधारित होनी चाहिए।  | 
| 
		 खुसरो समिति  | 
	
		 1989  | 
	
		 कृषि और ग्रामीण ऋण की समस्याओं की जांच करने हेतु  | 
	
		 -  | 
| 
		 मीरा सेठ समिति  | 
	
		 1995  | 
	
		 हथकरघा का विकास  | 
	
		 -  | 
| 
		 दलवई समिति  | 
	
		 2018  | 
	
		 कृषि के लिए संरचनात्मक सुधारों के लिए  | 
	
		 इसने कृषि निर्यात को 2022-23 तक बढ़ाकर 100 अरब डॉलर करने की सिफारिश की थी।  | 
रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन से संबंधित
| 
		 समिति एवं आयोग  | 
	
		 स्थापना  | 
	
		 उद्देश्य  | 
	
		 अन्य जानकारी  | 
| 
		 विवेक देबरॉय समिति  | 
	
		 2015  | 
	
		 रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन  | 
	
		 रेल बजट को समाप्त करने हेतु सिफारिश दी थी।  | 
| 
		 राकेश मोहन समिति  | 
	
		 2001  | 
	
		 रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन  | 
	
		 -  | 
| 
		 प्रकाश टंडन समिति  | 
	
		 1994  | 
	
		 रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन  | 
	
		 -  | 
| 
		 खन्ना समिति  | 
	
		 1998  | 
	
		 रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन  | 
	
		 -  | 
| 
		 सैम पित्रेदा समिति  | 
	
		 2012  | 
	
		 रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन  | 
	
		 -  | 
कर सुधार से संबंधित
| 
		 समिति एवं आयोग  | 
	
		 स्थापना  | 
	
		 उद्देश्य  | 
	
		 अन्य जानकारी  | 
| 
		 रेखी समिति  | 
	
		 1992  | 
	
		 अप्रत्यक्ष कर सुधार  | 
	
		 इसके अध्यक्ष के-एल- रेखी थेद्य  | 
| 
		 केलकर समिति  | 
	
		 2002  | 
	
		 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों पर  | 
	
		 इसके अध्यक्ष डॉ. विजय केलकर थे।  | 
| 
		 डॉ. राजा जे. चेलैया  | 
	
		 1991  | 
	
		 केंद्रीय करों की प्रणाली में व्यापक सुधार के लिए  | 
	
		 इसे कर सुधार समिति कहा जाता था।  | 
| 
		 वाई बी रेड्डी समिति  | 
	
		 2001  | 
	
		 आयकर छूट का अध्ययन करने के लिए बनाई गई  | 
	
		 -  | 
| 
		 भूरे लाल समिति  | 
	
		 1998  | 
	
		 मोटर वाहन कर में वृद्धि  | 
	
		 -  | 
चुनाव सुधार से संबंधित
| 
		 समिति एवं आयोग  | 
	
		 स्थापना  | 
	
		 उद्देश्य  | 
	
		 अन्य जानकारी  | 
| 
		 एन. एन. वोहरा समिति  | 
	
		 1977  | 
	
		 राजनीति के अपराधीकरण की समस्या की जाँच करने हेतु  | 
	
		 इसने अक्टूबर 1993 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की  | 
| 
		 दिनेश गोस्वामी समिति  | 
	
		 1990  | 
	
		 चुनाव सुधार  | 
	
		 चुनाव आयोग को जांच एजेंसियों, अभियोजन एजेंसियों की नियुत्तिफ़ आदि की शत्तिफ़यां भी देनी चाहिए।  | 
| 
		 तारकुंडे समिति  | 
	
		 1974  | 
	
		 चुनाव सुधार  | 
	
		 चुनाव आयोग तीन सदस्यीय निकाय होना चाहिए और मतदान के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।  | 
बैंकिंग एवं सुधार से संबंधित
| 
		 समिति एवं आयोग  | 
	
		 स्थापना  | 
	
		 उद्देश्य  | 
	
		 अन्य जानकारी  | 
| 
		 मालेगाम समिति  | 
	
		 1994-95  | 
	
		 प्राथमिक बाजार में सुधार और यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया का पुनर्स्थापन  | 
	
		 -  | 
| 
		 बेसल समिति  | 
	
		 1974  | 
	
		 बैंकिंग पर्यवेक्षण  | 
	
		 -  | 
| 
		 सुखमय चक्रवर्ती समिति  | 
	
		 1982  | 
	
		 भारतीय मौद्रिक प्रणाली के कामकाज का आकलन करने के लिए  | 
	
		 -  | 
| 
		 नरसिम्हम-द्वितीय समिति  | 
	
		 1992  | 
	
		 बैंकिंग सुधारों के कार्यान्वयन की प्रगति समीक्षा के लिए  | 
	
		 -  | 
| 
		 मल्होत्र समिति  | 
	
		 1993  | 
	
		 बीमा क्षेत्र में सुधार लाने के लिए  | 
	
		 भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर आर.एन. मल्होत्र इसके अध्यक्ष थे।  | 
| 
		 नरसिम्हन समिति (द्वितीय)  | 
	
		 1998  | 
	
		 बैंकिंग सुधार के लिए  | 
	
		 इस समित ने RBI के लिए वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड लेन तथा और स्वतंत्र राजनीति मुक्त होने की सिफारिश की  | 
| 
		 दामोदरन समिति  | 
	
		 2011  | 
	
		 बैंकों में सुधार हेतु  | 
	
		 -  | 
| 
		 शिवरमन समिति  | 
	
		 1979  | 
	
		 नाबार्ड की स्थापना  | 
	
		 -  | 
| 
		 पीके मोहंती समिति  | 
	
		 2020  | 
	
		 निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए मौजूदा स्वामित्व दिशानिर्देशों और कॉर्पोरेट संरचना की समीक्षा करने के लिए  | 
	
		 -  | 
| 
		 गोइपोरिया समिति  | 
	
		 1990  | 
	
		 प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में ग्राहक सेवा में सुधार हेतु  | 
	
		 इसकी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा स्थापित किया गया था।  | 
| 
		 जानकीरमन समिति  | 
	
		 1992  | 
	
		 प्रतिभूति लेनदेन  | 
	
		 -  | 
पर्यावरण संरक्षण से संबंधित
| 
		 समिति एवं आयोग  | 
	
		 स्थापना  | 
	
		 उद्देश्य  | 
	
		 अन्य जानकारी  | 
| 
		 टी.एस.आर. सुब्रमण्यम  | 
	
		 2014  | 
	
		 पर्यावरण संरक्षण  | 
	
		 पर्यावरण कानूनों, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रलय द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं की समीक्षा के लिए।  | 
| 
		 डॉ. मिहिर शाह समिति  | 
	
		 2016  | 
	
		 केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूजल बोर्ड के पुनर्गठन पर  | 
	
		 इन्होने एक राष्ट्रीय जल आयोग की स्थापना की सिफारिश की है।  | 
| 
		 माधव गाडगिल समिति  | 
	
		 2010  | 
	
		 पश्चिमी घाट के संरक्षण के लिए  | 
	
		 आयोग ने 31 अगस्त 2011 को भारत सरकार को रिपोर्ट सौंपी।  | 
| 
		 कस्तूरीरंगन समिति  | 
	
		 2012  | 
	
		 पश्चिमी घाट के संरक्षण के लिए  | 
	
		 कस्तूरीरंगन समिति ने पश्चिमी घाट के कुल क्षेत्रफल के 37% को इको-सेंसिटिव एरिया (eco-sensitive areas) घोषित करने का प्रस्ताव दिया है।  | 
शिक्षा से संबंधित
| 
		 समिति एवं आयोग  | 
	
		 स्थापना  | 
	
		 उद्देश्य  | 
	
		 अन्य जानकारी  | 
| 
		 राधाकृष्णन आयोग  | 
	
		 1948  | 
	
		 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना के लिए  | 
	
		 -  | 
| 
		 कोठारी आयोग  | 
	
		 1964  | 
	
		 शैक्षिक क्षेत्र के सभी पहलुओं की जांच करने के लिए  | 
	
		 इसकी स्थापना दौलत सिंह कोठारी की अध्यक्षता में किया गया था।  | 
| 
		 कस्तूरीरंगन समिति  | 
	
		 2017  | 
	
		 राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के लिए मसौदा के लिए  | 
	
		 -  | 
भ्रष्टाचार एवं काला धन से संबंधित
| 
		 समिति एवं आयोग  | 
	
		 स्थापना  | 
	
		 उद्देश्य  | 
	
		 अन्य जानकारी  | 
| 
		 के. संथानम समिति  | 
	
		 1962  | 
	
		 भ्रष्टाचार विरोधी  | 
	
		 इन्ही की सिफारिशो पर केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना की गई थी।  | 
| 
		 जस्टिस बी एम शाह समिति  | 
	
		 2010  | 
	
		 अवैध खनन  | 
	
		 -  | 
विविध
| 
		 समिति एवं आयोग  | 
	
		 स्थापना  | 
	
		 उद्देश्य  | 
	
		 अन्य जानकारी  | 
| 
		 सोलि सोराब जी समिति  | 
	
		 2005  | 
	
		 पुलिस अधिनियम मसौदा समिति  | 
	
		 -  | 
| 
		 नरसिम्हन समिति (प्रथम)  | 
	
		 1991  | 
	
		 वित्त सुधार से सम्बंधित  | 
	
		 इस समिति ने बैंकों को 4 स्तरीय करने तथा बैंको को ब्याज दर तय करने की सिफारिस की  | 
| 
		 मुखर्जी आयोग  | 
	
		 2005  | 
	
		 वर्ष 1945 में स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु की जाँच करने के लिए  | 
	|
| 
		 एल.सी. गुप्ता कमेटी  | 
	
		 1996  | 
	
		 भारत में बाजारों में विकास और विनियमन  | 
	|
| 
		 एस. एस. तारापोर समिति  | 
	
		 1997  | 
	
		 पूंजी खाते में परिवर्तनशीलता के सम्बंधित में सुझाव देने हेतु  | 
	
		 -  | 
| 
		 अरुण गोएल समिति  | 
	
		 2020  | 
	
		 भारत के पूंजीगत सामानक्षेत्र को मजबूत करने हेतु  | 
	
		 -  | 
| 
		 रंगराजन समिति  | 
	
		 2006  | 
	
		 वित्तीय समावेशन  | 
	
		 -  | 
| 
		 एनके सिंह समिति  | 
	
		 2016  | 
	
		 राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम की समीक्षा करने हेतु  | 
	
		 -  | 
| 
		 कुमार मंगलम बिड़ला समिति  | 
	
		 1999  | 
	
		 कॉर्पोरेट गवर्नेंस  | 
	
		 -  | 
| 
		 डॉ बिमल जालान समिति  | 
	
		 2018  | 
	
		 आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा के लिए  | 
	
		 -  | 
| 
		 मालेशकर समिति  | 
	
		 2002  | 
	
		 ऑटोईंधन नीति सुधार की सुविधा के लिए  | 
	
		 -  | 
| 
		 के.वी. कामथ समिति  | 
	
		 2020  | 
	
		 कोविड-19 महामारी से प्रभावित ऋणों के पुनर्गठन के लिए  | 
	
		 -  | 
| 
		 तारापोर समिति  | 
	
		 1997  | 
	
		 पूंजी खाता परिवर्तनीयता पर एक रिपोर्ट बनाने के लिए  | 
	
		 -  | 
| 
		 एके माथुर आयोग  | 
	
		 2014  | 
	
		 सातवें केंद्रीय वेतन आयोग का नेतृत्व किया  | 
	
		 -  | 
| 
		 आरएम लोढ़ा आयोग  | 
	
		 -  | 
	
		 भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में सुधारों की सिफारिश करने के लिए  | 
	
		 इसमें तीन सदस्य थे।  | 
| 
		 वाई.एच. मालेगाम समिति  | 
	
		 2010  | 
	
		 सूक्ष्म वित्त क्षेत्र  | 
	
		 -  | 
| 
		 दवे समिति  | 
	
		 2000  | 
	
		 असंगठित क्षेत्र की पेंशन योजना में सुधार के लिए  | 
	
		 -  | 
| 
		 दीपक पारेख समिति  | 
	
		 2015  | 
	
		 बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण हेतु  | 
	
		 -  | 
| 
		 दांतेवाला समिति  | 
	
		 1977  | 
	
		 ब्लॉक योजना के लिए संस्थागत और वैचारिक ढांचे का सुझाव देने  | 
	
		 इसने 1978 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की  | 
| 
		 जे. जे. ईरानी समिति  | 
	
		 2004  | 
	
		 कंपनी कानून सुधार  | 
	
		 -  | 
| 
		 कपूर आयोग  | 
	
		 1966  | 
	
		 गांधी जी की हत्या की साजिश की जांच करने हेतु  | 
	
		 -  | 
| 
		 बीपी मंडल आयोग  | 
	
		 1979  | 
	
		 सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग आयोग के रूप में जाना जाता है।  | 
	
		 प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई के अधीन भारत सरकार द्वारा स्थापित की गई थी।  | 
| 
		 स्वर्ण सिंह समिति  | 
	
		 1976  | 
	
		 मूल कर्तव्य  | 
	
		 इस समिति की सिफारिशों के आधार पर 1976 में 42वां संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान में भाग pat जोड़ा गया।  | 
| 
		 काका कालेलकर आयोग  | 
	
		 1953  | 
	
		 प्रथम पिछड़ा वर्ग आयोग  | 
	
		 अनुच्छेद 340 के अनुसार राष्ट्रपति के आदेश द्वारा आयोग की स्थापना की गई थी।  | 
| 
		 श्री कृष्ण आयोग  | 
	
		 1993  | 
	
		 मुंबई दंगे से संबंधित  | 
	
		 -  | 
| 
		 लिबरहान आयोग  | 
	
		 1992  | 
	
		 बाबरी मस्जिद के विनाश की जांच के लिए  | 
	
		 सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एम एस लिब्रहान के नेतृत्व में इसका गठन किया गया था।  | 
| 
		 नानावटी आयोग  | 
	
		 2002  | 
	
		 गोधरा कांड  | 
	
		 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में हुए कांड की जाँच करने के लिए इसका गठन किया गया था।  | 

