भारत के विश्व विरासत स्थल

यूनेस्को द्वारा सूचीबद्ध विशेष सांस्कृतिक या भौतिक महत्त्व के कारण स्थलों को विश्व धरोहर स्थल के रूप में जाना जाता है। इस सूची को ‘विश्व धरोहर कार्यक्रम’ (World Heritage Programme) द्वारा तैयार किया जाता है।

  • यूनेस्को के अनुसार विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है, जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण है।
  • ‘विश्व विरासत दिवस’ 18 अप्रैल को मनाया जाता है।

वैश्विक धरोहरों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है

  • प्राकृतिक धरोहर स्थल
  • सांस्कृतिक धरोहर स्थल
  • मिश्रित धरोहर स्थल

यूनेस्को

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है। यह शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से शांति स्थापित करने का प्रयास करती है।

  • यूनेस्को का मुख्यालय पेरिस में अवस्थित है। वर्ष 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान धुरी राष्ट्रों का सामना कर रहे यूरोपीय देशों ने यूनाइटेड किंगडम में ‘कॉन्फ्रेंस ऑफ अलाइड मिनिस्टर्स ऑफ एजुकेशन’ (Conference of Allied Ministers of Education - CAME) का आयोजन किया था।
  • केम (CAME) के प्रस्ताव के आधार पर एक ‘शैक्षिक और सांस्कृतिक संगठन’ की स्थापना के लिये नवंबर 1945 में लंदन में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन बुलाया गया था।
  • सम्मेलन के अंत में 16 नवंबर, 1945 को यूनेस्को की स्थापना की गई थी। 2019 में संयुक्त राज्य अमेरिका और इजरायल ने औपचारिक रूप से यूनेस्को से बाहर होने का निर्णय लिया था।

भारतीय विश्व विरासत स्थल

भारत के पास कुल मिलाकर 40 विश्व धरोहर स्थल हैं। इनमें 32 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और एक मिश्रित संपत्ति हैं। 40 या इससे अधिक विश्व धरोहर स्थल वाले देशों में भारत के अलावा अब इटली, स्पेन, जर्मनी, चीन व फ्रांस शामिल हैं।

क्रम संख्या

विश्व विरासत स्थल के नाम

सम्बन्धित राज्य

घोषित वर्ष

अन्य विशेषता

1.

आगरा का किला

उत्तर प्रदेश

1983

इसका निर्माण अकबर ने 1573 में पूरा करवाया। यह लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ किला है। इस किले में शाहजहां द्वारा निर्मित जहांगीर महल और खास महल मौजूद हैं। यह आगरा में स्थित है।

2.

अजन्ता की गुफाएं

महाराष्ट्र

1983

यह वाघोरा नदी के पास सह्याद्रि पर्वतमाला (पश्चिमी घाट) में रॉक-कट गुफाओं की एकश्रृंखला के रूप में स्थित है। इसमें कुल 29 गुफाएं (सभी बौद्ध) हैं।

गुफाओं का विकास 200 ई.पू. से 650 ईस्वी के मध्य हुआ था।

3.

एलोरा की गुफाएं

महाराष्ट्र

1983

7वीं से 9वीं शताब्दी के बीच 34 शैलकृत गुफाएं बनाई गयी थीं, जिसमें 01 से 12 तक बौद्धों तथा 13 से 29 तक हिन्दुओं और 30 से 34 तक जैनों की गुफाएं हैं।

एलोरा गुहा मन्दिर का निर्माण राष्ट्रकूटों के समय में किया गया था। एलोरा का कैलास गुहा मन्दिर सर्वाधिक उत्कृष्ट है, जिसका निर्माण राष्ट्रकूट शासक कृष्ण प्रथम ने कराया था।

4.

ताजमहल

उत्तर प्रदेश

1983

यमुना नदी के दक्षिण तट पर एक हाथीदांत-सफेद संगमरमर का मकबरा है।

इसका वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी था। इसके अनिर्मन 1643 में पूरा किया गया था। 2007 में इसे विश्व के नए 7 आश्चर्य (2000-2007) पहल का विजेता घोषित किया गया था।

5.

महाबलीपुरम के मंदिर

तमिलनाडु

1984

कोरोमंडल तट पर 7वीं और 8वीं शताब्दी में इसका निर्माण पल्लव राजाओं के द्वारा किया गया था।

इन स्मारकों में पाँच रथ, एकाश्म मंदिर, सात मंदिरों के अवशेष शामिल हैं, इसी कारण इस शहर को सप्त पैगोडा के रूप में भी जाना जाता था।

6.

सूर्य मंदिर कोणार्क

ओडिशा

1984

इसका निर्माण राजा नरसिंहदेव प्रथम द्वारा 13वीं शताब्दी (1238-1264 ई.) में किया गया था। इसे ब्लैक पैगोडा भी कहा जाता है।

इस मंदिर में रथ के 24 पहियों को प्रतीकात्मक डिजाइनों से सजाया गया है और सात घोड़ों द्वारा इस रथ को खींचते हुए दर्शाया गया है।

7.

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान

असम

1985

यह एकश्रृंगी गैंडे हेतु विश्व प्रसिद्ध है।

भारत में एक सींग वाले गैंडों की संख्या सबसे अधिक है। एक सींग वाले गैंडे सबसे अधिक काजीरंगा नेशनल पार्क में पाए जाते हैं।

भारत सरकार द्वारा 2006 में बाघ अभ्यारण्य घोषित किया गया था।

सर्दियों में साइबेरियन प्रवासी पक्षी यहां आते हैं।

8.

केवलादेव

राजस्थान

1985

केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान एक पक्षी उद्यान है। यह वर्ष 1956 में एक पक्षी अभयारण्य के रूप में स्थापित (भरतपुर) किया गया था।

9.

मानस

असम

1985

यह असम राज्य में भूटान-हिमालय की पहाड़ियों के नीचे स्थित है; जिसे 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत टाइगर रिजर्व के नेटवर्क में शामिल किया गया। 1989 में मानस को एक बायोस्फीयर रिजर्व का दर्जा हासिल हुआ था।

10.

गोवा के चर्च और मठ

गोवा

1986

पुराने गोवा के चर्च और मठ यूनेस्को द्वारा गोवा राज्य में स्थित गोवा वेला (या ओल्ड गोवा) में स्थित धार्मिक स्मारकों के एक समूह का नाम है, 16वीं और 17वीं शताब्दी के बीच पुराने गोवा में व्यापक स्तर पर चर्चों और गिरजाघरों का निर्माण किया गया था। इनमें शामिल हैं- बेसिलिका ऑफ बोम जीसस, सेंट कैथेड्रल, सेंट फ्रांसिस असीसी के चर्च और आश्रम, चर्च ऑफ लेडी ऑफ रोजरी, चर्च ऑफ सेंट ऑगस्टीन और सेंट कैथरीन चैपल।

11.

फतेहपुर सीकरी

उत्तर प्रदेश

1986

यह मुगल सम्राट अकबर द्वारा बसाया गया शहर है। सन् 1571 में राजधानी का स्थानांतरण किया गया। उसी साल अकबर ने गुजरात को फतह किया। इस कारण नई राजधानी का नाम फतेहपुर सीकरी रखा गया।

संत शेख सलीम चिश्ती के सम्मान में सम्राट अकबर ने इस शहर की नींव रखी।

12.

हम्पी में स्मारकों का समूह

कर्नाटक

1986

विजयनगर के शासकों द्वारा हम्पी के मंदिर और महल को 14वीं और 16वीं शताब्दी के मध्य बनवाया गया था।

यह राज्य की अंतिम राजधानी थी।

13.

खजुराहो मंदिर

मध्य प्रदेश

1986

इन मंदिरों का निर्माण चन्देल वंश के राजाओं द्वारा किया गया था।

खजुराहो स्मारक समूह, जो कि हिन्दू और जैन धर्म के स्मारकों का एक समूह है। यहां के मन्दिर, जो कि नगारा वास्तुकला से स्थापित किये गए, जिसमें ज्यादातर मूर्तियाँ कामुक कला की है; अर्थात् अधिकतर मूर्तियाँ नग्न अवस्था में स्थापित है।

14.

एलिफेंटा गुफा

महाराष्ट्र

1987

इन गुफाओं का निर्माण 5वीं से 6वीं शताब्दी ईस्वी के मध्य हुआ था।

एलिफेंटा की गुफाएं 7 गुफाओं का सम्मिश्रण हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण है- महेश मूर्ति गुफा।

15.

चोल मंदिर

तमिलनाडु

1987/ 2004

12वीं शताब्दी के तीन महान चोल मंदिर हैं- तंजावुर के बृहदेश्वर मंदिर, गंगाईकोंडचोलिसवरम के मंदिर और दरासुरम में ऐरावतेश्वर मंदिर।

इन गुफाओं को घारापुरी के पुराने नाम से जाना जाता है, जो कोंकणी मौर्य की द्वीप राजधानी थी।

इन मंदिरों को अब फ्ग्रेट लिविंग चोल मंदिरय् के रूप में जाना जाता है।

बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण राजा चोल प्रथम द्वारा 1003 और 1010 ईस्वी के बीच बनाया गया था।

गंगैकोण्ड चोलपुरम् मंदिर का निर्माण 1035 ईस्वी में राजेंद्र चोल I द्वारा किया गया था।

ऐरावतेश्वर मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में राजराजा चोल (I) द्वारा करवाया गया था। यह कुंभकोणम के पास दारासुरम में स्थित है।

16.

पट्टदकल समूह के स्मारक

कर्नाटक

1987

यह मालप्रभा नदी के किनारे पर बना है। मालप्रभा, कृष्णा की सहायक नदी है। मंदिर का निर्माण 543-753 ईसवी के बीच शासन करने वाले चालुक्य वंश के शुरुआती दौर में हुआ था।

एहोल को ‘स्थापत्य कला का महाविद्यालय’ तो पट्टदकल को ‘विश्वविद्यालय’ कहा जाता है। सबसे अधिक प्रसिद्ध मन्दिर ‘पापनाथ’ का है। द्रविड़ शैली के मन्दिरों में ‘विरुपाक्ष’ का मंदिर प्रसिद्ध है।

17.

सुंदर बन राष्ट्रीय उद्यान

पश्चिम बंगाल

1987

सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् 1973 में एक टाइगर रिजर्व के रूप में की गई थी, लेकिन 4 मई, 1984 को इसे एक राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया।

जनवरी 2019 में रामसर कन्वेंशन के तहत सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान को अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया गया। यह मैन्ग्रोव तथा सुंदरी वृक्ष के लिए प्रसिद्ध है।

18.

नन्दादेवी राष्ट्रीय उद्यान/फूलों की घाटी

उत्तराखंड

1988/ 2005

यह उद्यान देश के हिमालयी राज्यों का पहला अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त उद्यान है। यह 7,816 मीटर की ऊंची चोटी पर स्थित है।

19.

साँची का स्तूप

मध्य प्रदेश

1989

यह रायसेन जिले में अवस्थित है। साँची के स्तूपों में लकड़ी एवं पत्थर का प्रयोग हुआ है।

सांची स्तूप एक बौद्ध स्मारक है, जिसका निर्माण सम्राट अशोक ने तीसरी शती ई.पू में कराया था।

सांची में स्थित स्तूप संख्या-1 या ‘महान स्तूप’ भारत की सबसे पुरानी शैल संरचना है।

20.

हुमायूँ का मकबरा

दिल्ली

1993

इस मकबरे का निर्माण वर्ष 1570 ई. में हुमायूं के पुत्र सम्राट अकबर के संरक्षण में किया गया था।

हुमायूं का मकबरा चारबाग (कुरान के स्वर्ग की चार नदियों के साथ चार चतुर्भुज उद्यान) का एक उदाहरण है।

21.

कुतुब मीनार

दिल्ली

1993

यह एक पांच मंजिला लाल बलुआ पत्थरों की मीनार (72.5 मीटर ऊँची) है।

मस्जिद के प्रांगण में एक 7 मीटर ऊँचा लोहे का खंभा है।

इसका निर्माण कुतुब-उद्-दीन ऐबक (1206-1210) द्वारा 1193 में शुरू किया गया था और इसे इल्तुतमिश (1211-1236) द्वारा पूरा किया गया था।

22.

भारत के पर्वतीय रेलवे दार्जिलिंग, नीलगिरि, कालका-शिमला

पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश

1999, 2005,

2008

इस धरोहर स्थल में दार्जिलिंग, हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे और कालका-शिमला रेलवे सम्मिलित हैं।

दार्जिलिंग हिमालयी रेलवे (पश्चिम बंगाल) को 1881 में शुरू किया गया था। नीलगिरि पर्वतीय रेलवे को 1908 में शुरू किया गया था।

यह दक्षिण भारत (तमिलनाडु) में ‘ब्लू माउंटेन्स’ के नाम से प्रसिद्ध नीलगिरि पहाड़ियों में स्थित पर्वतीय शहर उडगमंडलम (उंटी) को मेट्टूपलयम शहर के साथ जोड़ता है।

कालका शिमला रेलवे, हिमाचल प्रदेश (उत्तर-पश्चिमी भारत) के हिमालयीतलहटी में स्थित है। इसे 1898 में शुरू किया गया था।

भारत में इस परियोजना का उद्घाटन भारत के वायसराय ‘लॉर्ड कर्जन’ द्वारा किया गया था।

23.

महाबोधि मंदिर

बिहार

2002

महाबोधि मंदिर भुगवान बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति के स्थान (गया) पर स्थित है।

मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में कराया गया था।

यह सबसे प्राचीन बौद्ध मंदिरों में से एक है, जो पूरी तरह से ईंटों से बना हुआ है।

24.

भीम बेटका की गुफा

मध्य प्रदेश

2003

ये गुफाएं चारों तरफ से विंध्य पर्वतमालाओं से घिरी हुईं हैं, जिनका संबंध ‘नव पाषाण काल’ से है। इनकी खोज वर्ष 1957-58 में डॉक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा की गई थी।

भीमबेटका गुफाएँ प्रागैतिहासिक काल की चित्रकारियों के लिए लोकप्रिय हैं।

25.

चंपानेर पावागढ़ पार्क

गुजरात

2004

चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क, एक यूनेस्को, गुजरात, भारत में स्थित है। यह ऐतिहासिक शहर चंपानेर के आसपास स्थित एक शहर है, जो गुजरात के सुल्तान महमूद बेगड़ा द्वारा बसाया गया था।

पावागढ़ की पहाड़ी लाल-पीले रंग के चट्टानों से बनी है।

गुजरात के सोलंकी राजाओं और फिर खिची चौहानों (Khinchi Chauhans) के शासनकाल में पावागढ़ की पहाड़ी हिन्दुओं के लिए प्रसिद्ध किला था। सुल्तान महमूद बेगड़ा ने 1484 में इस किले पर कब्जा किया और इसका नाम मुहम्मदाबाद रख दिया।

26.

छत्रपति शिवाजी टर्मिनल

मुंबई

2004

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस को पहले ‘विक्टोरिया टर्मिनल’ के नाम से जाना जाता था। इस स्टेशन की इमारत ‘विक्टोरियन गोथिक शैली’ में बनी है। 1996 में इसका नाम छत्रपति शिवाजी टर्मिनल किया गया था।

27.

लाल किला

दिल्ली

दिल्ली के लाल किले का निर्माण शाहजहाँ ने किया है।

शाहजहाँ ने 1638 ई. में यमुना नदी के दाहिने तट पर शाहजहाँनाबाद नामक नगर की नींव डाली।

1648 ई. में लाल बलुआ पत्थरों से निर्मित इस किले में रंगमहल, हीरामहल, नौबतखाना, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास आदि महत्त्वपूर्ण ईमारतें हैं।

28.

जंतर मंतर जयपुर

राजस्थान

2010

महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय (1693-1744) एक महान योद्धा और खगोलशास्त्री थे। उन्होंने दिल्ली, जयपुर, वाराणसी, उज्जैन और मथुरा में खगोल विज्ञान वेधशालाओं का निर्माण कराया, जिन्हें जंतर मंतर के नाम से जाना जाता है।

29.

पश्चिमी घाट

कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु

2012

पश्चिमी घाट उत्तर में सतपुड़ा रेंज से गोवा के दक्षिण में, कर्नाटक के मध्य और केरल व तमिलनाडु से होते हुए कन्याकुमारी में हिंद महासागर तक फैला हुआ है।

पहाड़ों की 30-50 किमी. कीशृंखला लगभग भारत के पश्चिमी तट के समानांतर चलती है। पश्चिमी घाट के पहाड़ ब्लॉक पर्वत हैं। पश्चिमी घाट, जिसे सह्याद्री पहाड़ियों के रूप में भी जाना जाता है।

30.

राजस्थान के पहाड़ी किले

चित्तौड़गढ़ का किला,

कुम्भलगढ़ का किला,

रणथम्भौर, जैसलमेर, आमेर, गागरोन

राजस्थान

2013

राजस्थान के पहाड़ी किले, जिसमें चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, सवाई माधोपुर, झालावाड़, जयपुर और जैसलमेर के 6 राजसी किले शामिल हैं। चित्तौड़गढ़ पूर्व में मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश की राजधानी थी। चित्तौड़गढ़ बेरच और गंभीरी नदी के तट पर स्थित है।

कुम्भलगढ़ राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है। इसका निर्माण प्रसिद्ध वास्तुकार मंडन की देखरेख में 1443 से 1458 ईस्वी के बीच राणा कुंभा की मदद से किया गया था।

जयपुर राज्य के शासक सवाई माधो सिंह ने क्षेत्र में मराठाओं के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए मुगल शासकों से रणथंभौर किले को सौंपने का अनुरोध किया था। सवाई माधो सिंह ने शेरपुर के पास एक गांव का निर्माण किया। आमेर के किला का निर्माण 1592 में राजा मानसिंह प्रथम द्वारा किया गया था।

31.

रानी की बाव

गुजरात

2014

‘रानी की बाव’ एक सीढ़ीदार कुआं है, जो गुजरात के पाटन में सरस्वती नदी के किनारे स्थित है।

‘रानी की बाव’ (बावड़ी) को वर्ष 1050 में सोलंकी शासन के राजा भीमदेव प्रथम की स्मृति में उनकी पत्नी रानी उदयामति ने बनवाया था।

32.

ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय पार्क

हिमाचल प्रदेश

2014

यह हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है।

33.

नालन्दा महाविहार

बिहार

2016

नालंदा महाविहार के भग्नावशेष को यूनेस्को ने 15 जुलाई, 2016 को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल कर लिया। इस विश्वविद्यालय की स्थापना 413 ईस्वी में की गई। यह बौद्ध धर्म, दर्शन, चिकित्सा, गणित, वास्तु, धातु और अतंरिक्ष विज्ञान के अध्ययन का विश्व प्रसिद्ध केंद्र रहा।

1193 में आक्रमणकारी बख्तियार िखलजी ने इसको तहस-नहस कर जला डाला था।

34.

कंचनजंगा राष्ट्रीय पार्क

सिक्किम

2016

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान का नाम दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी कंचनजंगा चोटी के नाम पर रखा गया है।

यहदेश का पहला "मिश्रित-विरासत" स्थल है।

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1977 में की गई थी। कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान को फ्खंगचेंद्जोंगा राष्ट्रीय उद्यानय् के रूप में भी जाना जाता है।

35.

ली कार्बूजियर का वास्तुकला कार्य, चंडीगढ़

चंडीगढ़

2016

चंडीगढ़ के प्रसिद्ध फ्रांसीसी वास्तुकार ली कार्बूजियर थे।

चंडीगढ़ कैपिटल काम्प्लेक्स लगभग 100 एकड़ में फैला वास्तुकला का एक नायाब नमूना है। इसके अंतर्गत स्मारक, इमारत, संग्रहालय, आर्ट गैलरी भवन, महाविद्यालय, मुक्त-हस्त स्थापत्य, उच्च न्यायालय भवन, विधानसभा भवन इत्यादि आते हैं।

36.

अहमदाबाद एक ऐतिहासिक शहर

गुजरात

2017

दीवारों से घिरा अहमदाबाद शहर, जिसकी स्थापना 1411 ई. में सुल्तान अहमद शाह द्वारा साबरमती नदी के पूर्वी तट पर की गई थी।

इसमें विशेष रूप से भद्र दुर्ग, किलेबंद शहर की दीवारें, दरवाजे व अनेक मस्जिदों और मकबरों के साथ-साथ बाद के काल के महत्वपूर्ण हिंदू और जैन मंदिर शामिल हैं।

37.

विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल्स, मुंबई

महाराष्ट्र

2018

मुंबई सिटी अहमदाबाद के बाद भारत में ऐसा दूसरा शहर बन गया है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर संपदा की सूची में अंकित है।

यह इंसेम्बल दो वास्तुशिल्पीय शैलियों, 19वीं सदी की विक्टोरियन संरचनाओं के संग्रह एवं समुद्र तट के साथ 20वीं सदी के आर्ट डेको भवनों से निर्मित है।

यह इंसेम्बल मुख्य रूप से 19वीं सदी के विक्टोरियन गोथिक पुनर्जागरण के भवनों एवं 20वीं सदी के आरंभ की आर्ट डेको शैली के वास्तुशिल्प से निर्मित है, जिसके मध्य में ओवल मैदान है।

38.

जयपुर सिटी

राजस्थान

2019

जयपुर शहर की स्थापना वर्ष 1727 में राजा जयसिंह ने की थी। इसे गुलाबी शहर के नाम से भी जाना जाता है। इसकी नींव कछवाहा शासक सवाई जयसिंह (1700-1743 ई.) के द्वारा रखी गई थी।

39.

धौलावीरा हड़प्पा शहर

गुजरात

2021

यह भारत का 40वां विश्व धरोहर स्थल है। कच्छ का रण, गुजरात में स्थित हड़प्पा कालीन स्थल धौलावीरा हड़प्पा स्थलों में छठा सबसे बड़ा शहर था। यह शहर जल संचयन प्रणालियों, जल निकासी प्रणालियों के लिए प्रसिद्ध था।

40.

काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर

तेलंगाना

2019

रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण 1213 ईस्वी में काकतीय साम्राज्य के शासनकाल में काकतीय राजा गणपति देव के एक सेनापति रेचारला रुद्र ने कराया था।

रामलिंगेश्वर स्वामी इस मंदिर के देवता हैं।