महिला कुपोषण में कमी लाने के प्रयास

सतत विकास लक्ष्य-2 में 2030 तक विश्व से कुपोषण समाप्त करने का लक्ष्य है। महिला एवं बाल विकास मंत्रलय का प्रमुख कार्यक्रम आईसीडीएस बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार की दिशा में कार्य करता है। इसके अंतर्गत अनुपूरक पोषण, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, रेफरल सेवाएं आदि प्रदान की जाती है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रलय पीडीएस के माध्यम से लोगों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराता है। जनजातीय मामलों का मंत्रलय जनजातीय आबादी की भूख और पोषण जैसी जरुरतों को पूरा करने के लिए अनेक पहल करता है। उत्तराखंड सरकार ने तीन जिलों में महिला संगठन आईसीडीएस के तहत ‘टेक होम राशन’ (राशन घर ले जाओ) की आपूर्ति कर रहे हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के मसौदे में मातृ मृत्यु दर अनुपात (MMR) के लिए सहस्त्रब्दि विकास लक्ष्य (MDG) प्रति 100000 जीवित शिशुओं के जन्म पर 140 निर्धारित किया गया है।

सरकार द्वारा निम्नलिखित योजनाएं लागू की गई हैं-

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मिड-डे-मील योजना, सबला योजना, इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रलय द्वारा महिलाओं तथा बच्चों के लिए ‘ग्रामीण स्वास्थ्य तथा पोषण दिवस' तथा ‘बाल सुरक्षा कार्ड' की संयुक्त पहल की गई है।