ट्रांसजेंडर्स की समस्याएं

सामाजिक भेदभाव (ट्रांसफोबिया)

अनेक लोगों को ट्रांसजेंडर्स का मतलब नहीं पता होता है। इस प्रकार अनेक प्रकार की गलत धारणाएं लोगों के मन में बैठ जाती है जैसे यह एक मानसिक बीमारी है। ट्रांसजेंडर्स को भारतीय संस्कृति के बाहर मानना। उनका विभिन्न प्रकार से उत्पीड़न किया जाना जैसे बलपूर्वक सेक्स, शारीरिक बुराई, मौखिक बुराई, पैसों के लिए ब्लैकमेल करना, धमकी आदि। परिवार द्वारा सामाजिक प्रतिष्ठा के चलते इनकी शादी किया जाना।

सरकार द्वारा भेदभाव

समलैंगिक यौन संबंध को IPC की धारा- 377 में अपराध घोषित किया गया है जबकि यह उनका मानवाधिकार है। कुछ राज्यों को छोड़कर सामाजिक जागरूकता का अभाव, पुलिस द्वारा उत्पीड़न, जबरन सेक्स, शारीरिक तथा मौखिक गालियां, सामानों तथा पैसों की जबरन वसूली।

आर्थिक पक्ष

  • निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति के कारण गरीबी, शैक्षिक सुविधाओं का अभाव।
  • बेरोजगारी, शिक्षित होने के बावजूद भी नियोक्ता द्वारा नौकरी देने में भेदभाव।
  • इन कारणों से भीख मांगना (तालिया बजाकर), बच्चे होने पर नाचना गाना तथा रुपये पैसे मांगना, शादी के अवसरों पर धन मांग कर गुजारा करना उनकी दिनचर्या बन जाती है।

भारतीय ट्रांसजेंडर्स से संबंधित स्वास्थ्य मुद्दे

  • हाई रिस्क ग्रुप होने के कारण यौन संचारी रोग (STD) का खतरा
  • लैंगिक पहचान के कारण अवसाद, आत्महत्या की प्रवृत्ति, एकांतवास का सामना, नशे की प्रवृत्ति की ओर बढ़ना।
  • सेक्स रीएसाइनमेंट सर्जरी (SRS) जिसमें बंध्याकरण, स्तन वृद्धि तथा अन्य हार्मोनल बदलाव। SRS के लिए कोई स्पष्ट मेडिकल गाइडलाइन का अभाव, SRS सरकारी अस्पतालों में न होना तथा प्राइवेट अस्पतालों में अधिक खर्च लगना।