शेयर सूचकांक

भारत में सेंसेक्स और निफ्टी दो मुख्य शेयर सूचकांक हैं। सेंसेक्स, बीएसई का मुख्य संवेदी सूचकांक है जिसमें 30 कंपनियों के शेयर शामिल हैं और एनएसई के निफ्रटी में 50 कंपनियों के शेयर शामिल किए गए हैं। बीएसई में 30 कंपनियों के शेयरों को ब्लू.चिप शेयर कहा जाता है।

बीएसई ग्रीनेक्स

एशिया के सबसे पुराने ‘बंबई स्टॉक एक्सचेंज’ ने 22 फरवरी, 2012 को ‘बीएसई ग्रीनेक्स’ के नाम से एक कार्बन सूचकांक आरंभ किया। यह सतत स्टॉक का सूचकांक है जो कि वैसे निवेशकों को मदद करेगा जो हरित कंपनियों में निवेश की इच्छा रखते हैं। ग्रीन कंपनियों या वैसी कंपनियाें में, जो अपनी कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए उत्कृष्ट पर्यावरणीय अभिक्रियाओं को अपनाती हैं, दीर्घकालिक दृष्टिकोण से निवेश काफी सुरक्षित व टिकाऊ माना जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार वर्ष 2010 में हरित ऊर्जा में वैश्विक निवेश बढ़कर 211 अरब डॉलर हो गया था। इनमें से 50% विकासशील देशों में निवेश हुआ।

  • बीएसई ग्रीनेक्स में 25 कंपनियों के शेयर शामिल हैं। ये वैसी कंपनियां हैं जो ऊर्जा दक्षता नियमों का पालन करती हैं और निवेशकों को लागत बचत के माध्यम से लाभ दिलाती हैं। इस सूचकांक में टाटा स्टील का भारांश सर्वाधिक है। अन्य शामिल प्रमुख कंपनियां हैं_ आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, सन फार्मा और भेल। एक्सचेंज के मुताबिक इन कंपनियों का कार्बन उत्सर्जन, मुक्त प्रवाह बाजार पूंजीकरण, दैनिक टर्नओवर इत्यादि दृष्टिकोण से प्रदर्शन बेहतर है।
  • यह सूचकांक निवेशकों को ऊर्जा कुशलता गतिविधियों में निवेश करने वाली कंपनियों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। ऊर्जा बचत गतिविधियां कंपनियों को मुद्रा बचत करने में मदद करता है जिससे कंपनी के लाभ में वृद्धि होता है, साथ ही इसका पर्यावरणीय प्रभाव भी सकारात्मक होता है।
  • ग्रीनेक्स सूचकांक संपदा प्रबंधकों को ऐसे उत्पाद सृजित करने का मौका देगा जहां निवेशक हरित उद्यमों में अपना पैसा लगायें।