आयोग निम्नलिखित मामलों में कार्रवाई करने की सलाह दे सकता है

  • केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की गयी जांच रिपोर्ट जिसमें कमीशन या अन्य द्वारा इसे भेजे गये विभागीय कार्रवाई या अभियोजन के मामले शामिल होते हैं।
  • आयोग द्वारा निर्दिष्ट मामलों में अनुशासनात्क कार्रवाई के मामले में शामिल मंत्रालय या विभाग की रिपोर्ट।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सांविधिक निगमों आदि से सीधे प्राप्त हुए मामले।

आयोग को गृह मंत्रालय के सामने अपनी एक वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य है। इस रिपोर्ट में वह मामले होते हैं जिसमें उसकी सिफारिशों को स्वीकार कर इन पर सक्षम अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जाती है।

संविधान से संबंधित प्रावधानों, अधिकार क्षेत्र, बिजली और आयोग के कार्यों के साथ कार्यवाही करने के लिए लंबे समय से चली आ रही एक अधिनियम के गठन की मांग को अंततः एक अधिनियम पारित करके गठित कर दिया गया था। उक्त अधिनियम को केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम,2003 के रूप में नामित किया गया।