सोशल मीडिया का इस्तेमाल

पहले खेत में किसी फसल पर कोई रोग लग जाए तो बिना कृषि विशेषज्ञ को दिखाए उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाती थी और जब तक कृषि सलाहकार खेतों का मुआयना करने पहुंचते थे तब तक तक उस फसल का समय ही बीत चुका होता था। कई बार तो छोटी सी बीमारी भी जानकारी के अभाव में पूरी फसल के बर्बाद होने का कारण बन जाती थी लेकिन अब किसानों की कोई भी समस्या हो चुटकियों में हल हो जाती है।

भारत में बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग फसल उगायी जाती है। भारत में कृषि यंत्रें और अन्य कृषि उत्पादों की खपत बड़े स्तर पर है। ऐसे में यदि ऑनलाइन किसानों की इन जरूरतों को पूरा किया जाता है, तो इससे एक बड़ा बदलाव कृषि में हो सकता है। इसी बदलाव के जरिए किसानों की जिंदगी में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है। यह तो तय है कि आने वाला समय ऑनलाइन कृषि बाजार का है। यह भी किसी से छिपा नहीं है कि ऑनलाइन कृषि बाजार को पूरी तरह से देशभर में प्रक्रिया में आने में कम से कम 5 से 6 साल का समय लग जायेगा। इसको बढ़ावा देने में सरकार की भूमिका बहुत अहम हो सकती है।