बहुआयामी निर्धनता सूचकांक, 2018

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme-UNDP) और ऑक्सफोर्ड गरीबी व मानव विकास पहल (Oxford PovertyAnd Human Development Initiative-OPHI) द्वारा सितंबर, 2018 को संयुक्त रूप से तैयार 2018 का वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty Index-MPI) जारी किया। इस सूचकांक के अनुसार वैश्विक स्तर पर 1.3 अरब लोग बहुआयामी गरीबी रेखा के नीचे रहने के लिए अभिशप्त हैं।

  • एमपीआई में परिकलित किए गए करीब 104 देशों की कुल जनसंख्या का लगभग एक चौथाई हिस्सा है।
  • रिपोर्ट के अनुसार बहुआयामी गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहे 1.3 अरब लोगों में से लगभग आधी (46%) आबादी अत्यधिक गरीबी (severe poverty) में रह रही है और एमपीआई में शामिल मानकों के आधार पर इनमें से कम-से-कम आधे लोग वंचित (deprived) स्थिति में हैं।

भारत में अनुकरणीय सुधार

  1. भारत के दृष्टिकोण से 2005-06 से 2015-16 के दशक में 271 मिलियन लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। 2005-06 में यह दर 54.7% के स्तर पर थी जो 2015-16 में घटकर 27.5% के स्तर पर पहुँच गयी है।
  2. दक्षिण एशियाई देशों में भारत की तुलना में केवल मालदीव में बहुआयामी गरीबी 1.9% कम अर्थात 25.6% के स्तर पर है। जबकि नेपाल (35.3%), बांग्लादेश (41.1%) और पाकिस्तान (43.9%) में बहुआयामी गरीबी का स्तर सापेक्षतः अधिकहै।