अटल भूजल योजना

दिसंबर, 2019 को प्रधानमंत्री द्वारा निम्न भूमि जल स्तर वाले क्षेत्रों में भूजल संरक्षण के लिये ‘अटल भूजल योजना’ प्रारंभ की गई। अटल भूजल की रूपरेखा सहभागी भूजल प्रबंधन के लिए संस्थागत संरचना को सुदृढ़ करने तथा सात राज्यों अर्थात गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में टिकाऊ भूजल संसाधन प्रबंधन के लिए समुदाय स्तर पर व्यवहारगत बदलाव लाने के उद्देश्य के साथ बनाई गई है। इस योजना के कार्यान्वयन से इन राज्यों के 78 जिलों में लगभग 8,350 ग्राम पंचायतों को लाभ पहुंचने की उम्मीद है। अटल भूजल मांग पक्ष प्रबंधन पर मुख्य जोर के साथ पंचायत केन्द्रित भूजल प्रबंधन और व्यवहारगत बदलाव को बढ़ावा देगी।

  • 5 वर्षों (2020-21 से 2024-25) की अवधि में क्रियान्वित किए जाने वाले 6,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय में से 50 प्रतिशत विश्व बैंक ऋण के रूप में होगा और उनका पुनर्भुगतान केन्द्र सरकार द्वारा किया जाएगा।
  • शेष 50 प्रतिशत का भुगतान नियमित बजटीय समर्थन से केन्द्रीय सहायता द्वारा किया जाएगा। विश्व बैंक ऋण का समस्त घटक और केन्द्रीय सहायता राज्यों को अनुदान के रूप में दी जाएगी।

प्रभाव

  • किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य में योगदान मिलेगा।
  • बड़े पैमाने पर परिष्कृत जल उपयोग निपुणता और उन्नत फसल पद्धति को बढ़ावामिलेगा।
  • भू-जल संसाधनों के निपुण और समान उपयोग तथा समुदाय स्तर पर व्यवहार्य परिवर्तन को बढ़ावा मिलेगा।