65 भौगोलिक क्षेत्रों में शहरी गैस वितरण (सीजीडी) परियोजना

केंद्र सरकार ने 9वें सीजीडी निविदा चरण के तहत 22 नवंबर, 2018 को 129 जिलों में 65 भौगोलिक क्षेत्रों (जीए) में शहरी गैस वितरण (सीजीडी) परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

  • भारत सरकार ने देश भर में ईंधन / फीडस्टॉक के रूप में पर्यावरण के अनुकूल स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया है।
  • सीजीडी नेटवर्क के विकास से देश के नागरिकों को स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन (पीएनजी) और परिवहन ईंधन (सीएनजी) की उपलब्धता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस

तेल और गैस क्षेत्र भारत के आठ प्रमुख उद्योगों में से एक है, जो अर्थव्यवस्था के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों से सम्बंधित निर्णय को प्रभावित करता है। भारत की आर्थिक वृद्धि ऊर्जा मांग के साथ निकटता से संबंधित है इसलिए तेल और गैस की खपत बढ़ने का अनुमान है। इस कारण यह क्षेत्र निवेश के काफी अनुकूल बन गया है।

  • भारत तेल का तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक उपभोत्तफ़ा है और इसकी ऊर्जा आवश्यकता 2030 तक 4.6% की सीएजीआर (Compound Annual Growth Rates) से बढ़ने की उम्मीद है। पिछले दो दशकों में, भारतीय तेल और गैस उद्योग में उदारीकरण तथा मांग बढ़ने के कारण बड़ा परिवर्तन हुआ है।
  • भारत की प्राकृतिक गैस की खपत हाल के वर्षों में किसी भी अन्य ईंधन की तुलना में तेजी से बढ़ी है। प्राकृतिक गैस की मांग पिछले 10 वर्षों के दौरान लगभग 6.5% की दर से बढ़ी है।
  • भारत में पहला तेल भंडार 1889 में असम राज्य के डिगबोई शहर के पास खोजा गया था। वहीं भारत में प्राकृतिक गैस उद्योग 1960 के दशक में असम और गुजरात में गैस क्षेत्रों की खोज के साथ शुरू हुआ। 1970 के दशक में ओएनजीसी द्वारा दक्षिण बेसिन क्षेत्रों में बड़े भंडार की खोज के बाद प्राकृतिक गैस और अधिक महत्वपूर्ण हो गया।
  • भारत में गैस पाइपलाइन फरवरी 2019 की शुरुआत में 16,226 किलोमीटर था। भारत 2022 तक तेल आयात पर निर्भरता में 10 प्रतिशत की कटौती करना चाहता है। इससे विदेशी निवेशकों के पास भारत में 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर की परियोजनाओं में निवेश करने का अवसर होगा।
  • गैस अवसंरचना विकास के लिए सरकार द्वारा कई सरकारी पहल प्रारंभ की गई है। पीडीएस केरोसिन में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, एलपीजी पंचायत योजना आदि पहल स्वच्छ उर्जा की दिशा में उठाये गए कदम है।