कोयला खान (विशेष उपबंध) अधिनियम, 2015

संसद ने मार्च 2015 में कोयला खान (विशेष उपबंध) अधिनियम, 2015 को अधिनियमित किया था, जो सरकार को नीलामी के माध्यम से कोयला खदानों को आवंटित करने में सक्षम बनाता है। कानून निजी क्षेत्र के सीमेंट, स्टील, बिजली या एल्यूमीनियम संयंत्रों को स्वयं के उपयोग के लिए कोयले की खनन की अनुमति देता है।

  • 20 फरवरी, 2018 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने निजी कंपनियों को वाणिज्यिक कोयला खनन में प्रवेश करने की अनुमति दी।

उद्देश्य

  • कोयला खानों की नीलामी अथवा उनके आवंटन के लिए तत्काल कदम उठाना; ताकि इस्पात, सीमेंट एवं बिजली जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर कम से कम असर पड़े; जो राष्ट्र के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • कोयला खान (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1973 और खान एवं खनिज (विकास व नियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन करना; ताकि कोयला खनन हेतु अंतिम उपयोग पर लगी पाबंदी को पात्राता से हटाया जा सके। हालांकि, कुछ खास कोल ब्लॉकों के मामले में यह मान्य नहीं होगा।