दामोदर घाटी निगम

दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) स्वतंत्रा भारत की पहली बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। 7 जुलाई, 1948 को भारतीय संविधान सभा के एक अधिनियम द्वारा निगम अस्तित्व में आया।

  • दामोदर घाटी निगम का मुख्यालय कोलकाता, पश्चिम बंगाल में है। यह भारत के पश्चिम बंगाल और झारखंड के दामोदर नदी क्षेत्र में संचालित हो रहा है। निगम विद्युत मंत्रालय के तहत ताप विद्युत स्टेशन और जलविद्युत स्टेशन दोनों संचालित करता है।

डीवीसी की उपलब्धियां

  • डीवीसी, तीन स्रोतों- कोयला, पानी और तरल ईंधन के माध्यम से बिजली बनाने वाली एकमात्रा जीओआई संगठन है।
  • भारत का पहला भूमिगत जलविद्युत स्टेशन मैथन में स्थापित किया गया।
  • बोकारो टीपीएस, 1950 के दशक में देश का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्लांट बना है।
  • भारत में पहली पुनः ऊष्मा इकाइयां (re-heat units) चंद्रपुरा टीपीएस में हैं, जो उच्च भाप पैरामीटर का उपयोग करती हैं।

निष्कर्ष

2019-20 में भारत अपनी सभी प्रकाश आवश्यकताओं के लिए एलईडी का उपयोग करने वाला दुनिया का पहला देश बन सकता है; जिससे वार्षिक आधार पर 40,000 करोड़ रुपये (6-23 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की बचत होगी। भारत के बिजली क्षेत्र में जीवाश्म ईंधन का प्रभुत्व है, विशेष रूप से कोयले का जिससे वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान देश की बिजली का लगभग तीन-चौथाई उत्पादन हुआ। सरकार अक्षय ऊर्जा में निवेश बढ़ाने का प्रयास कर रही है। सरकार की राष्ट्रीय विद्युत योजना 2018 में कहा गया है कि देश को 2027 तक उपयोगिता क्षेत्र में और अधिक गैर-नवीकरणीय बिजली संयंत्रों की आवश्यकता नहीं है।