पर्यावरण स्थिरता रिपोर्ट, 2019

भारतीय रेलवे पर्यावरण प्रबंधन रेलवे परिवहन में हरित पर्यावरण और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देता है। इस संबंध में रेल मंत्रालय प्रतिवर्ष पर्यावरण स्थिरता रिपोर्ट जारी करता है। जनवरी 2015 में सरकार ने भारतीय रेलवे में सभी पर्यावरण प्रबंधन पहल को समन्वित करने एवं न्यून कार्बन आधारित व्यापक ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनाने के लिए रेलवे बोर्ड में पर्यावरण निदेशालय की स्थापना की। रेलवे ने पर्यावरण प्रबंधन के संबंध में अपनी पहल को कारगर बनाने के लिए कदम उठाए, जिसमें ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण, वनीकरण, अपशिष्ट प्रबंधन, हरित प्रमाणपत्र और नवीकरणीय एवं वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों सहित कुछ उल्लेखनीय पहल शामिल हैं।

रेलवे ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए निम्न कदम उठाए हैं -

  • 2004-05 से 2029-30 तक कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता को 33% तक कम करना।
  • वर्ष 2030 तक रेलवे की कुल माल परिवहन में हिस्सेदारी 36% से बढ़ाकर 45% करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना के पहले चरण में 30 साल की अवधि में लगभग 457 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन को कम करने का अनुमान है।
  • रेलवे द्वारा ऊर्जा दक्षता के लिए डीजल और इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन दोनों में सुधार किया गया है, जो जीएचजी उत्सर्जन को कम करने की सुविधा प्रदान करता है।
  • पीएटी (PAT) योजना को रेलवे द्वारा लागू किया गया है।
  • डीजल ईंधन में 5% जैव ईंधन के सम्मिश्रण का उपयोग करना।
  • 2030 तक 20% जल उपयोग दक्षता में सुधार करना।
  • संसाधनों और बुनियादी ढांचे के प्रबंधन के लिए ग्रीन बिल्डिंग, औद्योगिक इकाइयों और अन्य प्रतिष्ठानों को अपनाना, ताकि पर्यावरणीय स्थिरता प्राप्त किया जा सके।

स्वच्छ भारत मिशन में भूमिका

रेल रिपोर्ट का भविष्य, 2019: अंतरराष्ट्रीय रेलवे (UIC) के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) द्वारा ‘रेल रिपोर्ट का भविष्य’ तैयार किया गया है। यह परीक्षण करता है कि वैश्विक परिवहन में ऊर्जा उपयोग और पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के साधन के रूप में रेल की भूमिका को कैसे बढ़ाया जा सकता है। इस रिपोर्ट में भारत से संबंधित कुछ प्रमुख निष्कर्ष निम्न है-

  • रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेल की 2050 तक कुल वैश्विक रेल गतिविधियों में लगभग 40% भागीदारी होगी।
  • भारत में रेल यात्री यातायात में 2000 के बाद से लगभग 200% और माल ढुलाई में 150% की वृद्धि हुई है, फिर भी भारत में गतिशीलता की अव्यक्त मांग बहुत बड़ी है। भारत में रेल गतिविधि की वृद्धि किसी अन्य देश की तुलना में अधिक है।
  • भारत में संचालित रेल प्रणाली की कुल लंबाई लगभग 68,000 किमी है। 10 भारतीय शहरों में मेट्रो प्रणाली मौजूद है।
  • भारत में कोई हाई-स्पीड रेल नहीं है। 2015 में भारत और जापान ने अहमदाबाद और मुंबई शहरों को जोड़ने वाली एक हाई-स्पीड रेल लाइन विकसित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह 2023 में परिचालन में आएगी।