इदाते आयोग

वर्ष 2015 में इस आयोग का गठन गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू समुदायों की आने वाली समस्याओं का अध्ययन करने और इन समुदायों के मुद्दों को दूर करने के उपायों पर सुझाव देने के लिए किया गया। इसने 2018 रेणुके आयोग (2008) की सिफारिशों के अधार पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।

आयोग की प्रमुख सिफारिशें-

  • इसने गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू समुदायों को सबसे गरीब, और दलित समुदायों के रूप में चिह्नित दिया, जो सामाजिक लांछन और अत्याचार के शिकार है।
  • इन समुदायों के लिए कानूनी संरक्षण पर बल दिया तथा (एससी / एसटी की तर्ज पर) आदि के लिए एक अलग तीसरी अनुसूची बनाने पर बल दिया।
  • इसने इन समुदायों के लिए कानूनी संरक्षण देने तथा एससी/एसटी की तर्ज परएक अलग तीसरी अनुसूची बनाने पर बल दिया।
  • आयोग की सिफारिशों को ध्यान में रखा गया और गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू समुदायों के लिए विकास और कल्याण बोर्ड का गठन 2019 में किया गया।