आपदा प्रबंधन अवसंरचना पर अंतरराष्ट्रीय गठबंधन

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 28 अगस्त, 2019 को ‘आपदा प्रबंधन अवसंरचना पर अंतरराष्ट्रीय गठबंधन’ (International Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI) की नई दिल्ली में स्थापना को पूर्वव्यापी मंजूरी (ex-post facto approval) प्रदान की। इससे संबंधित प्रस्ताव को प्रधानमंत्री द्वारा मंजूरी 13 अगस्त, 2019 को दी गई थी।

  • अमेरिका के न्यूयॉर्क में 23 सितंबर, 2019 को आयोजित होने वाले ‘संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्यवाही शिखर सम्मेलन’ (UN Climate Action Summit) के दौरान सीडीआरआई का शुभारंभ किया गया।
  • यह सम्मेलन जलवायु परिवर्तन के प्रभावों व इसके कारण होने वाली आपदाओं से निपटने की दिशा में प्रतिबद्धता व्यक्त करने के लिए बड़ी संख्या में राष्ट्राध्यक्षों को एक साथ लाएगा।

मंत्रिमंडल के निर्णय

नई दिल्ली में सीडीआरआई के अतिरिक्त इसके सहायक सचिवालय कार्यालय की स्थापना।

  • सीडीआरआई संस्था के रूप में सीडीआरआई के सचिवालय की नई दिल्ली में स्थापना ‘संस्था पंजीकरण अधिनियम, 1860’ (Societies Registration Act, 1860) के अंतर्गत की जाएगी। इस संस्था के ज्ञापन और उपनियमों को ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण’ (NDMA) द्वारा यथा समय तैयार व अंतिम रूप दिया जाएगा।
  • सीडीआरआई को तकनीकी सहायता और अनुसंधान परियोजनाओं का निरंतर आधार पर वित्त पोषण करने तथा सचिवालय कार्यालय आदि के लिए वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक 5 वर्ष की अवधि के लिए भारत सरकार की ओर से 480 करोड़ रुपये की सहायता को मंजूरी दी।

प्राकृतिक आपदा के आधारभूत संरचना पर प्रभाव

उल्लेखनीय है कि बाढ़, भूकंप, उष्णकटिबंधीय चक्रवात व जलवायु परिवर्तन जैसे प्राकृतिक खतरे विकास के लिए बढ़ते हुए जोखिम हैं।

  • प्राकृतिक आपदा के दौरान जब बुनियादी ढांचा विफल हो जाता है, तो यह महत्वपूर्ण सेवाओं को बाधित कर देता है।
  • उदाहरण के लिए टाइफून के दौरान बिजली की अनुपलब्धता, जल की आपूर्ति और परिवहन को बाधित की। वहीं भूकंप के बाद क्षतिग्रस्त सड़कें सुरक्षित क्षेत्रों में लोगों के परिवहन को बाधित कर सकती है।
  • बुनियादी ढांचे या आधारभूत संरचनाओं के अत्यधिक व्यापक होने के कारण इसे प्राकृतिक आपदाओं के सहन योग्य या वहनीय बनाना एक कठिन चुनौती होती है। इसके अंतर्गत परिवहन, बिजली, पानी की आपूर्ति, स्वच्छता, इमारतें और अन्य संरचनाएं शामिल हैं।

सीडीआरआई का प्रभाव

सीडीआरआई एक ऐसे मंच के रूप में सेवाएं प्रदान करेगा, जहां आपदा और जलवायु की अनुकूल अवसंरचना के विविध पहलुओं के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी और उसका आदान-प्रदान किया जाएगा। साथ ही यह विविध हितधारकों की तकनीकी विशेषज्ञता को एक स्थान पर एकत्र करेगा।

  • यह एक ऐसी व्यवस्था का सृजन करेगा, जो देशों को उनके आपदा जोखिमों के संदर्भ तथा आवश्यकताओं के अनुसार ‘अवसंरचनात्मक विकास’ (Infrastructure Development) करने के लिए उनकी क्षमताओं और कार्य पद्धतियों को उन्नत बनाने में सहायता करेगी।
  • इस पहल से समाज के सभी वर्ग लाभान्वित होंगे। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, महिलाएं और बच्चे आपदाओं के प्रभाव की दृष्टि से समाज का सबसे असुरक्षित वर्ग होते हैं और ऐसे में आपदा के अनुकूल अवसंरचना तैयार करने के संबंध में ज्ञान और कार्य पद्धतियों में सुधार होने से उन्हें लाभ पहुंचेगा।
  • भारत के विभिन्न क्षेत्रों में प्राकृतिक जोखिम के खतरे से संबंधित सूचना का प्रकाशन होने से लोगों को अपने क्षेत्रों के जोखिम के बारे में समझने का अवसर मिलेगा तथा वह स्थानीय और राज्य सरकारों से जोखिम में कमी लाने तथा उससे निपटने के उपायों की मांग कर सकेंगे।