जल शक्ति अभियान

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जल शक्ति अभियान का शुभारंभ किया गया है। यह जल संरक्षण एवं जल सुरक्षा से संबंधित एक अभियान है।

भारत में जल की स्थिति से संबंधित कुछ तथ्य

नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 600 मिलियन भारतीय ‘‘अत्यधिक से अत्यंत गंभीर जल-संकट’’ (high to extreme water stress) की समस्या का सामना कर रहे हैं और 75% घरों के परिसर में पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

  • भारत में जल की वार्षिक प्रति व्यक्ति उपलब्धता वर्ष 2001 के 1,820 क्यूबिक मीटर से घटकर वर्ष 2011 में 1,545 क्यूबिक मीटर रह गई। इसके वर्ष 2025 तक 1,341 क्यूबिक मीटर रह जाने की आशंका है।
  • यह स्थिति देश में जल की बढ़ती मांग के विपरीत है, जिसके 2030 तक दोगुना होने की संभावना है।
  • कुछ रिपोर्टों के माध्यम से यह भी ज्ञात हुआ है कि नई दिल्ली, बंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद सहित 21 शहरों में वर्ष 2020 तक भूजल समाप्त हो जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 100 मिलियन लोग प्रभावित होंगे।
  • भारत सर्वाधिक मात्रा में जल का उपयोग करता है।
  • भारत, भूजल का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक (जल गहन उत्पादों के निर्यात के संदर्भ में) भी है। लगभग 70% पेयजल प्रदूषित हो चुके हैं।

जल संरक्षण की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदम

केंद्र सरकार द्वारा जल संबंधी विभिन्न मुद्दों की निगरानी करने हेतु एक ‘जल शक्ति मंत्रालय’ नामक समर्पित मंत्रालय का गठन किया गया है।

  • जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार के लिए जल सुनिश्चित करने हेतु यह राज्यों के साथ मिलकर कार्य करेगा।
  • यह ‘नल से जल योजना’ की भी निगरानी करेगा, जिसका उद्देश्य प्रत्येक घर को पाइप आधारित जलापूर्ति प्रदान करना है।
  • नीति (NITI) आयोग द्वारा जारी समग्र जल सूचकांक (Composite Water Index) द्वारा राज्यों की जल उपयोग क्षमता का मूल्यांकन किया जाता है।

केन्द्रीय भूमि जल प्राधिकरण (Central Ground Water Authority- CGWA): इसके द्वारा भूजल निष्कर्षण हेतु संशोधित दिशा- निर्देशों को अधिसूचित किया गया, जिन्हें 1 जून, 2019 से प्रभावी किया गया है।

  • राष्ट्रीय स्तर पर जल संसाधन से संबंधित आंकड़ों के संग्रह (repository) हेतु राष्ट्रीय जल सूचना केंद्र की स्थापना की गयी है। इसके द्वारा पब्लिक डोमेन में GIS प्लेटफॉर्म पर वेब-आधारित भारत-जल संसाधन सूचना प्रणाली (इंडिया- WRIS) के माध्यम से नवीनतम और वि श्वसनीय करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • हाल ही में, मेघालय एक जल नीति के प्रारूप को मंजूरी देने वाला प्रथम राज्य बन गया है।
  • मेघालय द्वारा एकीकृत राज्य जल नीति तैयार की गयी है, जिसके तहत सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से मेघालय के जल संसाधनों के संधारणीय विकास, प्रबंधन और उपयोग को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा गया है।