नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को)

राष्ट्रीय एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को) खान मंत्रालय के तहत एक नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। इसकी स्थापना 7 जनवरी, 1981 को भुवनेश्वर में की गई थी। नाल्को देश के सबसे बड़े एकीकृत बॉक्साइट-एलुमिना-एल्युमिनायम-पावर कॉम्प्लेक्स में से एक है।

  • मई, 1989 से नाल्को लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पंजीकृत होने वाली देश की पहली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है।
  • विश्व स्तर पर भारत बॉक्साइट का सबसे कम लागत वाला उत्पादन करने वाला देश है (वुड मैकेंजी की रिपोर्ट 2018)।
  • कंपनी ने सीएसआर गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • नाल्को ने चार मोबाइल ऐप विकसित किए हैं: निसर्ग, नगीना, और हमेशा नाल्कोइअन ऐप।

भारत में खनन क्षेत्र द्वारा सामना की जा रही चुनौती

  • विस्थापन और पुनर्वास से सम्बंधित मुद्दे खनन क्षेत्र की प्रमुख चिंताओं में से एक है। स्थानीय लोगों का बड़े पैमाने पर विस्थापन और अनुचित पुनर्वास उपाय शिकायतों को उत्पन्न करते हैं।
  • प्रशासनिक व्यवधान भी एक चुनौती है, जिसे खनन उद्योग के विकास के लिए ठीक किया जाना चाहिए। बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, लालफीताशाही, कम पारदर्शिता, ब्लॉकों का मनमाना आवंटन आदि कुछ ऐसी चिंताएं हैं, जो खनन क्षेत्र में परेशानी का कारण बन रहे हैं।

निष्कर्ष

लौह अयस्क, बॉक्साइट और कोयले की सम्पूर्ण खनन क्षमताओं का पूरी तरह से उपयोग नहीं हो पा रहा है; अतः इस क्षेत्र के विकास की काफी संभावना विद्यमान है। खनिज संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए निकासी प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता है।

  • इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं स्टील, जस्ता और एल्यूमीनियम उत्पादकों के लिए आकर्षक व्यावसायिक अवसर प्रदान करती हैं। वित्त वर्ष 2020 तक 3.33 मिलियन मीट्रिक टन एल्युमीनियम उत्पादन बढ़ने का अनुमान है।
  • लोहा और इस्पात रियल एस्टेट क्षेत्र का एक प्रमुख घटक है। आवासीय और वाणिज्यिक निर्माण उद्योग में इन धातुओं की मांग बढ़ेगी, जिसके कारण मजबूत वृद्धि की उम्मीद है।
  • परियोजनाओं को आवंटित करने से पहले उचित पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए) और सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन (एसआईए) किया जाना चाहिए।