घरेलू कंपनियों के लिए नई आयकर दर

यह नीति नई घरेलू विनिर्माण कंपनियों को 15% की दर से आयकर का भुगतान करने का विकल्प प्रदान करता है, बशर्ते वे कुछ खास कटौती का दावा न करें। इन नई कंपनियों को 30 सितंबर, 2019 के बाद स्थापित व पंजीकृत होना चाहिए, और 1 अप्रैल, 2023 से पहले निर्माण शुरू करना चाहिए।

  • अधिनियम स्पष्ट करता है कि कुछ व्यवसायों को विनिर्माण व्यवसाय नहीं माना जाएगा। इनमें शामिल हैं- कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का विकास, किताबों की छपाई, सिनेमैटोग्राफ फिल्म का निर्माण, खनन और केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित अन्य व्यवसाय।
  • 1 अगस्त, 2019 को, खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल) नामक एक संयुक्त उद्यम कंपनी की स्थापना की गई, जो तीन CPSU नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO), हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) और माइनर एक्सप्लोरेशन कंपनी लिमिटेड (MECL) की भागीदारी से गठित की गई है।
  • इसका उद्देश्य भारतीय घरेलू बाजार में महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
  • केएबीआईएल वाणिज्यिक उपयोग और देश की इन खनिजों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए विदेशों में रणनीतिक खनिजों की पहचान, अधिग्रहण, अन्वेषण, विकास, खनन और प्रसंस्करण का कार्य करेगा। यह विदेशों में रणनीतिक खनिज संपत्ति खोज करेगा। इसका प्रारंभिक फोकस लिथियम और कोबाल्ट खनिजों पर है।
  • इन खनिजों या धातुओं की निकासी व्यापार के अवसरों की खोज, उत्पादक देशों के साथ G2G सहयोग या स्रोत देशों में इन खनिजों की खोज और खनन परिसंपत्तियों में रणनीतिक अधिग्रहण या निवेश से किया जायेगा।
  • यह ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के अन्य खनिज समृद्ध देशों के साथ साझेदारी बनाने में मदद करेगा।
  • इसमें NALCO, HCL और MECL के बीच इक्विटी भागीदारी 40:30:30 के अनुपात में है।
  • केएबीआईएल देश की खनिज सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही आयात प्रतिस्थापन के समग्र उद्देश्य को साकार करने में भी मदद करेगा।