पैसिफि़क डिकेडल ऑसिलेशन

प्रशांत दशकीय दोलन (PDO) प्रशांत महासागरीय समुद्री सतह के तापमान में चक्रीय भिन्नता को दर्शाता है। यह प्रकृति में एल नीनो दक्षिणी दोलन (ENSO) के समान ‘प्रशांत महासागरीय जलवायु परिवर्तनशीलता’ का एक प्रतिरूप है; हालांकि ईएनएसओ के विपरीत यह काफी अधिक समय बाद परिवर्तित होता है।

  • पीडीओ, एक ही चरण में 20 से 30 वर्षों तक रह सकता है, जबकि ईएनएसओ (ENSO) का एक चक्र आमतौर पर केवल 6 से 18 महीने तक ही रहता है।
  • ईएनएसओ की तरह पीडीओ में भी एक गर्म और एक ठंडा चरण होता है, जो ऊपरी वायुमंडलीय हवाओं को बदल देता है।
  • पीडीओ के चरण में बदलाव के परिणामस्वरूप वैश्विक जलवायु में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकते हैं; इनमें प्रशांत और अटलांटिक हरिकेन की गतिविधि पर प्रभाव, प्रशांत बेसिन के आसपास सूखा व बाढ़, समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की उत्पादकता पर प्रभाव तथा वैश्विक स्थल तापमान प्रतिरूप में प्रभाव शामिल है।
  • विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि पीडीओ अपने चरण के अनुसार ईएनएसओ के प्रभावों को तीव्र या कम कर सकता है। साथ ही यदि ईएनएसओ व पीडीओ दोनों परिघटनाएं एक ही चरण में हों, तो यह माना जाता है कि एल नीनो/ला नीना का प्रभाव बढ़ सकता है।