पाम राजपूत समिति

2012 में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा 1989 से 2012 तक महिलाओं की स्थिति के मूल्यांकन के उद्देश्य से समिति का गठन किया गया था। इसकी अध्यक्षता पाम राजपूत ने किया था, जो पंजाब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थे।

  • इस समिति ने 2012 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसकी प्रमुख सिफारिशें निम्नलिखित हैं:
  1. राष्ट्रीय महिला नीति का निर्माण और महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए एक कार्य योजना।
  2. सभी निर्णय लेने वाले निकायों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण और महिलाओं के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए अपराधिक न्याय प्रणाली की कमी को दूर करना।
  3. सरकारी मशीनरी की लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ाना। प्रभावी रूप से पीसीपीएनडीटी अधिनियम और दहेज विरोधी कानून को लागू करना।
  4. भारत में मुस्लिम महिलाओं की स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक अलग पैनल होना चाहिए।

इस समिति ने निकायों को निम्नलिखित सुझाव भी दिएः

महिलाओं के सशक्तिकरण पर संसदीय समितिः इसे महिलाओं से सम्बंधित एवं संसद में प्रस्तावित सभी विधानों का अध्ययन और परीक्षण करना होगा।

राष्ट्रीय महिला आयोग (महिलाओं के लिए सर्वोच्च निकाय): इसे महिलाओं के मामलों में ‘प्रतिक्रियात्मक हस्तक्षेप’से बढ़कर उसे नीतियों, कानूनों, कार्यक्रमों और बजटों का अध्ययन और अनुशंसा करना चाहिए, ताकि महिलाओं को वास्तव में लाभ मिल सके।

  • सरकार द्वारा राष्ट्रीय नीति महिला, 2016 का मसौदा समिति की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया था।