राष्ट्रीय मोटर वाहन ईंधान नीति और विजन 2025 पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पर स्थायी समिति (प्रहलाद जोशी की अध्यक्षता में) ने 7 मई, 2015 को राष्ट्रीय मोटर वाहन ईंधन नीति पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। विशेषज्ञ समिति के गठन का उद्देश्य 2025 तक मोटर वाहन की ईंधन गुणवत्ता के लिए एक रोडमैप तैयार करना था।

प्रथम ऑटो ईंधन नीति (2003) का उद्देश्य ईंधन गुणवत्ता मानकों को लागू करके वाहनों के उत्सर्जन और वाहनों संबंधी प्रौद्योगिकियों के मुद्दों को संबोधित करना था।

  • समिति की सिफारिशें निम्नलिखित हैं-
  • इसने सभी गैसोलीन और डीजल की बिक्री पर एक विशेष ईंधन अपग्रेडेशन सेस की भी सिफारिश की।
  • जीवाश्म ईंधन भंडार घट रहा है; अतः मंत्रालय को गैर-पारंपरिक ईंधन की वाणिज्यिक व्यवहार्यता का आकलन करना चाहिए।
  • मंत्रालय को संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) के तहत अधिक क्षेत्रों लाने को उच्च प्राथमिकता देना चाहिए।
  • प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के बारे में जानकारी एकत्रा करने के लिए एक केंद्रीकृत राष्ट्रीय डेटा केंद्र की स्थापना करनी चाहिए।
  • संबंधित मंत्रालयों के सचिवों की एक अंतर-मंत्रालयी समिति के गठन की आवश्यकता है।

वर्तमान स्थिति

  • यह विडंबना है कि BS-IV और VI वाहनों या ईंधन के संक्रमण की स्थिति पर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) की 2016 की रिपोर्ट निराशाजनक तस्वीर पेश करती है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार, BS-IV वाहन भारत के 30 शहरों में उपलब्ध हैं। बीएस-III मानक ट्रकों और अन्य भारी वाहनों को पंजीकृत किया जाना जारी है।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला दिया कि भारत स्टेज IV वाहन को 1 अप्रैल, 2020 से पूरे देश में नहीं बेचा जाएगा। इसके बजाय, BS-VI उत्सर्जन मानदंड 1 अप्रैल, 2020 से पूरे देश में लागू होगा। सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला दिया कि समय की जरूरत है कि एक स्वच्छ ईंधन को अपनाया जाए। 2016 में, केंद्र ने घोषणा की कि देश 2020 तक BS-VI मानदंडों को अपनाएगा।