सच्चर समिति

2005 में न्यायमूर्ति राजिंदर सच्चर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन देश के मुस्लिम समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए किया गया था। इसने 2006 में निम्नलिखित टिप्पणियों और सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।

प्रमुख तथ्य

  • मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या 1961 में 10.7% से बढ़कर 2001 में 13.4% हो गई।
  • मुस्लिमों में साक्षरता दर 59.1% (2001 की जनगणना) थी।
  • स्कूल जाने वाले बच्चों में केवल 3% मुस्लिम बच्चे मदरसे जाते हैं, कई मुस्लिम बच्चों को मकतबों में दाखिला दिया जाता है, जो पब्लिक स्कूलों में नामांकन के अलावा पूरक धार्मिक शिक्षा प्रदान करते हैं।
  • 2001 की जनगणना के अनुसार, 20 वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग के 7% लोग स्नातक या डिप्लोमा प्राप्त करते हैं, जबकि मुस्लिम आबादी में केवल 4% है।
  • शिक्षा के स्तर के बढ़ने के साथ मुस्लिम और अन्य सामाजिक धार्मिक श्रेणियों (एसआरसी) के बीच की खाई बढ़ी है। मुस्लिम स्नातकों के बीच बेरोजगारी की दर एसआरसी में गरीबों व गैर-गरीबों में सबसे अधिक है।
  • सार्वजनिक व निजी दोनों क्षेत्रों में मुस्लिम वेतनभोगी श्रमिकों की भागीदारी काफी कम है (जो एससी/एसटी के लिए सही है) और मुस्लिम श्रमिकों का औसत आय दूसरों की तुलना में कम है।
  • स्वरोजगार गतिविधि में लगे मुस्लिम श्रमिकों की अपेक्षाकृत उच्च हिस्सेदारी है।
  • मुसलमानों को काफी गरीबी का सामना करना पड़ता है। उनकी स्थिति एससी/एसटी के लोगों की तुलना में थोड़ी बेहतर है, हालांकि शहरी क्षेत्रों में थोड़ी खराब स्थिति है।

सिफारिश

प्रमुख सिफारिशें निम्नलिखित हैं-

  • अल्पसंख्यकों जैसे वंचित समूहों की शिकायतों पर ध्यान देने के लिए ‘एक समान अवसर आयोग’(Equal Opportunity Commission) की स्थापना करना।
  • अल्पसंख्यकों के प्रति रोजगार, आवास, स्कूली शिक्षा और बैंक ऋण प्राप्त करने के मामलों में भेदभाव की शिकायतों का समाधान करने के लिए कानूनी तंत्र स्थापित करना।
  • एक परिसीमन प्रक्रिया स्थापित करना, जो उच्च अल्पसंख्यक आबादी वाले निर्वाचन क्षेत्रों को अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित नहीं करता है।
  • एक राष्ट्रीय डेटा बैंक (NDB) बनाना, जहां विभिन्न सामाजिक- धार्मिक श्रेणियों के लिए सभी प्रासंगिक डेटा रखा जायेगा।
  • एक स्वायत्त मूल्यांकन और निगरानी प्राधिकरण की स्थापना करनी चाहिए, जो विकास लाभ का स्वतंत्र मूल्यांकन करेगा।
  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रणाली विकसित करनी चाहिए; जहाँ कॉलेज और विश्वविद्यालयों का आवंटन छात्र आबादी में विविधता से जुड़ा हो।
  • सरकार ने 76 सिफारिशों में से 72 सिफारिशों को स्वीकार किया, 3 को आगे समय के लिए रोक दिया गया और एक को अस्वीकार कर दिया गया।