एसडीजी भारत सूचकांक, 2019

नीति आयोग ने दिसंबर, 2019 को सतत् विकास लक्ष्य भारत सूचकांक (Sustainable Development Goal India Index) के दूसरे संस्करण में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन पर एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें पिछले वर्ष की ही तरह इस वर्ष भी केरल इस सूची में प्रथम स्थान पर रहा।

एसडीजी इंडिया इंडेक्स का उद्देश्य देश और इसके राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों की सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यावरणीय स्थिति पर समग्र दृष्टिकोण प्रदान करना है। यह सभी भारतीय राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रदर्शन का समग्र मूल्यांकन प्रदान करने तथा नेताओं एवं परिवर्तनकारियों को सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय मापदंडों पर अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में मदद करने के लिए तैयार किया गया है।

  • इस सूचकांक का निर्माण 17 में से 13 एसडीजी (लक्ष्य 12, 13, 14 और 17 को छोड़कर) के आधार पर किया गया है। यह भारत सरकार के अंतःक्षेपों और योजनाओं के परिणामों पर उनकी प्रगति को मापते हेतु 62 राष्ट्रीय संकेतकों के एक सेट के आधार पर सभी राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों (यूटीज) की प्रगति को ट्रैक करता है।
  • यह सूचकांक राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए एसडीजी पर उनके शुरुआती बिंदु का आंकलन करने के लिए निम्नलिखित प्रकारसे उपयोगी हो सकता हैः
  1. राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की प्रगति को राष्ट्रीय लक्ष्यों और अन्य राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के कार्य निष्पादन की तुलना में मानदण्ड प्रदान करने में सहायता करना, ताकि उनके विभेदक निष्पादन के कारणों को समझा जा सके और 2030 तक एसडीजी की प्राप्ति के लिए बेहतर कार्यनीतियां बनाई जा सकें।
  2. उन वरीयता क्षेत्रों की पहचान करने के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की सहायता करना, जिनमें उन्हें निवेश करने और वृद्धिशील प्रगति को मापने में उन्हें सक्षम बनाकर सुधार करने की आवश्यकता है।
  3. भारत के लिए एसडीजी से संबंधित डेटा अंतराल को हाइलाइट करना, ताकि राष्ट्रीय और राज्य स्तरों पर अपनी सांख्यिकीय प्रणाली विकसित की जा सके।

प्रमुख्य बिंदु

नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2019 के सूचकांक में केरल (70) का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा; जबकि बिहार (50) इस सूची में सबसे निचले स्थान पर रहा।

  • इस सूचकांक में 69 अंकों के साथ हिमाचल दूसरे और आंध्र प्रदेश, तेलंगाना तथा तमिलनाडु 67 अंकों के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे।
  • इस सूचकांक में पिछले वर्ष के मुकाबले उत्तर प्रदेश (55), ओडिशा (58) और सिक्किम (65) के प्रदर्शनों में सबसे अधिक सुधार देखने को मिले हैं।
  • भुखमरी से मुक्ति और लैंगिक समानता के क्षेत्र में लगभग सभी राज्यों का प्रदर्शन खराब रहा। इन क्षेत्रों में भारत को राष्ट्रीय स्तर पर 100 में से क्रमशः मात्र 35 और 42 अंक ही प्राप्त हुए।
  • भारत के इस प्रदर्शन का कारण नवीकरणीय ऊर्जा और स्वच्छता के क्षेत्र में हुई प्रगति (88), शांति, न्याय और सशक्त संस्थानों (72) तथा सस्ती एवं स्वच्छ ऊर्जा (70) आदि क्षेत्रों में हुए सफल प्रयास हैं।