उन्नति के लिए पारंपरिक कला/शिल्प कौशल एवं प्रशिक्षण का उन्नयन (यूएसटीटीएडी)

यह योजना 2015 में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने शुरुआत की। इसका उद्देश्य अल्पसंख्यकों की पारंपरिक कला तथा शिल्प की धरोहर को सुरक्षित करने के साथ पारंपरिक शिल्पियों एवं कारीगरों के क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना है।

  • अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने अल्पसंख्यक समुदाय के शिल्पकार्रों की निपुणता को शिक्षण द्वारा और अधिक उन्नत करने के लिए निफ्रट को एक परियोजना सौंपी है।
  • निफ्रट यूएसटीटीएडी के ज्ञान साथी के रूप में मुख्य रूप में कार्य कर रहा है। यह हस्तशिल्पों को पहचाने तथा उनके दस्तावेज बनाने में अल्पसंख्यक मामले का मंत्रालय सहायता कर रहा है, ताकि उन शिल्पियों को ‘‘कुशल कारीगरों” अथवा “उस्ताद” की पहचान देने के लिए उनके स्तर को उन्नत किया जाये।
  • शिल्पियों की उन्नति के लिए कार्यशालाओं का आयोजन तथा पाठ्यक्रम को उन्नत किया जा रहा है, जिससे उनका उत्पाद उच्च स्तर का हो। उत्पाद को ई-बाजार से जोड़ा जा रहा है, जिससे उत्पाद की बिक्री के लिए सही बाजार उपलब्ध हो सके।

योजना का प्रदर्शन

2018-19 तक 84 एनजीओ / सिविल सोसाइटी संगठन योजना चला रहे हैं, जिससे 7,500 से अधिक लाभार्थियों को लाभ मिल चुका है।

  • योजना के तहत उपरोक्त पहलों के अलावा, समुदाय को अधिक संवेदनशील बनाने के लिए इन विरासतों और परंपराओं के महत्व के बारे में जागरुकता पैदा करने पर जोर देना चाहिए।