चर्चित खेल व्यक्तित्व

नीरज चोपड़ा

  • टोक्यो ओलम्पिक में 7 अगस्त, 2021 को 23 वर्षीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने पुरुषों की भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में 87-58 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया।
  • इसके साथ ही, वे स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले एथलीट और अभिनव बिंद्रा के बाद भारत के दूसरे व्यक्तिगत ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता बन गए। अभिनव बिंद्रा ने 2008 में बीजिंग ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीता था।
  • नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर, 1997 को हुआ है। वे हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव से हैं। नीरज चोपड़ा, सेना में सूबेदार हैं और मई 2016 में ‘4 राजपूताना राइफल्स’ में सीधे प्रवेश से नायब सूबेदार के रूप में शामिल हुए थे।
  • खेलकूद में उत्कृष्टता के लिए चोपड़ा को 2018 में अर्जुन पुरस्कार और 2020 में विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था।
  • उपलब्धियांः स्वर्ण पदक, एशियाई खेल 2018_ स्वर्ण पदक, राष्ट्रमंडल खेल 2018_ स्वर्ण पदक, एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2017_ स्वर्ण पदक, विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2016_ स्वर्ण पदक, दक्षिण एशियाई खेल 2016_ रजत पदक, एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप 2016_ वर्तमान राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक (88-07 मीटर - 2021) तथा वर्तमान विश्व जूनियर रिकॉर्ड धारक (86-48 मीटर-2016)।

अवनि लेखरा

  • टोक्यो पैरालम्पिक 2020 में भारतीय पैरालम्पिक निशानेबाज अवनि लेखरा ने 30 अगस्त, 2021 को श्त्-2 महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 इवेंट’ में देश का पहला स्वर्ण पदक जीता। वे पैरालम्पिक के इतिहास में निशानेबाजी में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली एथलीट हैं।
  • 19 वर्षीय लेखरा ने फाइनल में 249-6 के कुल स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की, जो एक नया पैरालम्पिक रिकर्ड भी है।
  • वे पैरालम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं।
  • वे तैराकी में मुरलीकांत पेटकर (1972), भाला फेंक स्पर्धा में देवेंद्र झाझरिया (2004 और 2016) और पुरुष ऊँची कूद में थंगावेलु मरियप्पन (2016) के बाद पैरालम्पिक स्वर्ण जीतने वाली चौथी भारतीय एथलीट हैं।
  • जयपुर की रहने वाली अवनि ने महिला ‘50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच 1’ (50m rifle 3 positions SH1) में कांस्य पदक भी जीता। वे पैरालम्पिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं।

सुमित अंतिल

  • टोक्यो पैरालिंपिक में 30 अगस्त, 2021 को भारत के सुमित अंतिल ने पुरुषों की भाला फेंक (F64) स्पर्धा में 68-55 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीतने के साथ नया विश्व रिकॉर्ड बनाया।
  • हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले सुमित ने पहले प्रयास में 66-95 मीटर तक भाला फेंका और अपना 2019 में दुबई में बनाया गया 62-88 मीटर का विश्व रिकॉर्ड रिकॉर्ड तोड़ा। इसके बाद सुमित ने दूसरे प्रयास में 68-08 मीटर तक भाला फेंककर एक और नया विश्व रिकॉर्ड बनाया।
  • पांचवें प्रयास में सुमित ने एक और नया विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए 68-55 मीटर दूर तक भाले को फेंका और स्वर्ण जीता।
  • थ्64 वर्ग एक पैर के अंगविच्छेदन (leg amputation) वाले एथलीटों के लिए है, जो खड़े होने की स्थिति में प्रोस्थेटिक्स (prosthetics) के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं।

योगेश कथुनिया

  • डिस्कस थ्रोअर (Discus thrower) योगेश कथुनिया ने 30 अगस्त, 2021 को पुरुषों की चक्का फेंक स्पर्धा के थ्56 वर्ग में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता।
  • नई दिल्ली के 24 वर्षीय योगेश ने अपने छठे और अंतिम प्रयास में 44-38 मीटर चक्का फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया।
  • वहीं, इस स्पर्धा में ब्राजील के बतिस्ता डोस सांतोस ने 45-59 मीटर के साथ स्वर्ण, जबकि क्यूबा के लियानार्डाे डियाज अलडाना (43-36 मीटर) ने कांस्य पदक जीता।

F56 वर्ग में, एथलीटों के पास पूरी बांह और धड़ की मांसपेशियों की शक्ति होती है। कुछ लोगों द्वारा घुटनों को एक साथ दबाने की पूरी क्षमता के लिए पेल्विक स्थिरता (Pelvic stability) प्रदान की जाती है।

देवेंद्र झाझरिया और सुंदर सिंह गुर्जर

  • अनुभवी भारतीय भाला फेंक िखलाड़ी देवेंद्र झाझरिया और सुंदर सिंह गुर्जर ने 30 अगस्त, 2021 को टोक्यो पैरालम्पिक में पुरुषों की स्टैंडिंग जेवलिन थ्रो (भाला फेंक) थ्46 वर्ग में क्रमशः रजत और कांस्य पदक जीता।
  • श्रीलंका के दिनेश प्रियन हेराथ मुदियांसेलेज ने 67-79 मीटर के अपने विश्व रिकॉर्ड थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता।
  • 2004 और 2016 के खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के सबसे महान पैरालम्पियन 40 वर्षीय झाझरिया ने 64-35 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक जीता।
  • 25 वर्षीय गुर्जर 64-01 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
  • जयपुर के रहने वाले गुर्जर ने 2017 और 2019 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक तथा2018 जकार्ता पैरा एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था।

F46 वर्ग उन एथलीटों के लिए होता है, जो बाँह की कमी, खराब मांसपेशी शक्ति तथा बाँह की निष्क्रिय गतिविधि के साथ खड़े होने की स्थिति में प्रतिस्पर्धा करते हैं।

निषाद कुमार

  • भारत के निषाद कुमार ने 29 अगस्त, 2021 को
  • टोक्यो पैरालम्पिक में पुरुषों की ऊंची कूद ज्47 स्पर्धा में रजत पदक जीता।
  • हिमाचल प्रदेश के ऊना के रहने वाले 21 वर्षीय कुमार ने 2-06 मीटर की छलांग लगाकर कर रजत पदक जीता और एशियाई रिकॉर्ड बनाया।
  • 2-06 मीटर की ही छलांग लगाने वाले अमेरिका के डलास वाइज ने भी रजत पदक हासिल किया।
  • एक अन्य अमेरिकी, रोडरिक टाउनसेंड ने 2-15 मीटर की विश्व रिकॉर्ड छलांग के साथ स्वर्ण पदक जीता।

T47 वर्ग एकतरफा ऊपरी अंग की क्षति वाले एथलीटों के लिए है, जिसके परिणामस्वरूप कंधे, कोहनी और कलाई पर कुछ अक्षमता हो जाती है।

भाविना पटेल

  • भारतीय पैरा टेबल टेनिस िखलाड़ी भाविना पटेल ने 29 अगस्त, 2021 को महिला एकल क्लास-4 वर्ग के फाइनल में दुनिया की नंबर एक चीनी टेबल टेनिस िखलाड़ी यिंग झोउ से 0-3 से हारने के बाद अपने पहले पैरालम्पिक खेलों में ऐतिहासिक रजत पदक जीता।
  • पैरालम्पिक खेलों में 34 वर्षीय पटेल का प्रभावशाली प्रदर्शन झोउ से 7-11 5-11 6-11 से हारने के साथ समाप्त हुआ।
  • भाविना पटेल मेहसाणा के वाडनगर में सुंधिया की रहने वाली हैं।

सिंहराज अदाना

  • भारतीय पैरा निशानेबाज सिंहराज अदाना ने 31 अगस्त, 2021 को टोक्यो पैरालम्पिक के ‘P1 पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 स्पर्धा’ में कांस्य पदक जीता।
  • अदाना ने कुल 216-8 का स्कोर करके तीसरा स्थान हासिल किया।
  • SH1 श्रेणी के एथलीटों में एक हाथ और/या पैर को प्रभावित करने वाली क्षति होती है, उदाहरण के लिए अंगविच्छेदन या रीढ़ की हîóी की चोटों के परिणामस्वरूप क्षति। P1 पुरुषों की 10 एयर पिस्टल प्रतियोगिता के लिए एक वर्गीकरण है।
  • सिंहराज ने पुरुषों की 50 मीटर पिस्टल SH1 स्पर्धा में 216-7 का स्कोर करते हुए रजत पदक भी जीता।

रवि कुमार दहिया

  • 5 अगस्त, 2021 को रवि कुमार दहिया को पुरुषों के 57 किग्रा- फ्रीस्टाइल फाइनल में विश्व चैम्पियन रूस के जौर उगुएव से 7-4 से हार के बाद रजत पदक के साथ संतोष करना पड़ा।
  • 23 वर्षीय रवि दहिया, सुशील कुमार के बाद ओलम्पिक में रजत पदक हासिल करने वाले दूसरे भारतीय पहलवान हैं।
  • रवि कुमार ओलम्पिक पदक जीतने वाले पांचवें भारतीय पहलवान हैं। इनसे पहले केडी जाधव (1952 में कांस्य), सुशील कुमार (2008 में कांस्य और 2012 में रजत), योगेश्वर दत्त (2012 में कांस्य) और साक्षी मलिक (2016 में कांस्य) पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान हैं।
  • रवि कुमार दहिया सोनीपत जिले के हरियाणा के नाहरी गांव के रहने वाले हैं।

बजरंग पुनिया

  • पहलवान बजरंग पुनिया ने 7 अगस्त, 2021 को टोक्यो ओलम्पिक 2020 में पुरुष फ्रीस्टाइल कुश्ती के 65 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता। उन्होंने कांस्य पदक के मैच में कजाकिस्तान के दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हराया।
  • सुशील कुमार के बाद बजरंग ओलम्पिक और विश्व चैम्पियनशिप दोनों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान हैं।
  • बजरंग ओलम्पिक पदक जीतने वाले छठे भारतीय पहलवान हैं। इनसे पहले केडी जाधव (1952 में कांस्य), सुशील कुमार (2008 में कांस्य और 2012 में रजत), योगेश्वर दत्त (2012 में कांस्य), साक्षी मलिक (2016 में कांस्य) और रवि कुमार दहिया (2020 में रजत) पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान हैं।
  • उन्हें 2019 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न (राजीव गांधी खेल रत्न) पुरस्कार, 2015 में अर्जुन पुरस्कार तथा 2019 में पप्र श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • उपलब्धियांः विश्व चैम्पियनशिप-1 रजत और 2 कांस्य पदक_ एशियाई चैम्पियनशिप-2 स्वर्ण, 3 रजत, 2 कांस्य पदक_ एशियाई खेल-1 स्वर्ण और 1 रजत पदक_ तथा राष्ट्रमंडल खेल-1 स्वर्ण और 1 रजत पदक

लवलीना बोरगोहेन

  • टोक्यो ओलम्पिक 2020 में भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने 4 अगस्त, 2021 को महिलाओं केवेल्टरवेट(Welterweight) 69 किलोग्राम भार वर्ग में सेमीफाइनल में तुर्की की विश्व चैम्पियन बुसेनाज सुरमेनेली से हार के बाद कांस्य पदक जीता। भारतीय मुक्केबाज को 0-5 से शिकस्त झेलनी पड़ी।
  • विजेंदर सिंह (कांस्य- 2008) और एम- सी- मैरी कॉम (कांस्य-2012) के बाद लवलीना ओलम्पिक में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय मुक्केबाज बनीं।
  • 23 वर्षीय लवलीना असम के गोलाघाट जिले के बरोमुिखया गांव की निवासी हैं।
  • लवलीना ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने वाली असम की पहली महिला मुक्केबाज और शिव थापा के बाद ओलम्पिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली राज्य की दूसरी मुक्केबाज हैं।

शैली सिंह

  • लंबी कूद की उभरती हुई िखलाड़ी शैली सिंह ने 22 अगस्त, 2021 को नैरोबी में अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता।
  • शैली ने 6-59 मीटर की छलांग के साथ रजत पदक अपने नाम किया। शैली स्वर्ण पदक से सिर्फ एक सेंटीमीटर से चूक गईं।
  • स्वर्ण पदक जीतने वाली स्वीडन की 18 वर्षीय माजा असकाग ने 6-60 मीटर की छलांग लगाई।
  • झाँसी की 17 वर्षीय शैली सिंह को अनुभवी लॉन्ग जम्पर अंजू बॉबी जॉर्ज और उनके पति रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है।

नंदू नाटेकर

  • भारतीय बैडमिंटन इतिहास के महान िखलाडियों में से एक नंदू नाटेकर का 28 जुलाई, 2021 को पुणे में निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे।
  • नंदू भारत के पहले बैडमिंटन िखलाड़ी थे, जिन्होंने देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीता था। यह उपलब्धि उन्होंने साल 1956 में हासिल की थी, जब उन्होंने कुआलालंपुर में सेलांगोर इंटरनेशनल क्राउन टूर्नामेंट जीता था।
  • 1950 और 1960 के दशक में, नाटेकर पूरे भारत में घर-घर में लोकप्रिय हो गए थे।
  • उनकी अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों में 1954 में ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप क्वार्टर फाइनल में जगह बनाना और 1966 में जमैका में कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करना शामिल था।
  • नाटेकर 1961 में अर्जुन पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के पहले बैच में शामिल थे, जब इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी।

ओ चंद्रशेखरन

  • पूर्व भारतीय फुटबॉलर ओ चंद्रशेखरन का 24 अगस्त, 2021 का कोच्चि में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे।
  • रक्षक (डिफेंडर) की भूमिका में खेलने वाले चंद्रशेखरन 1960 के रोम ओलम्पिक में भाग लेने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे।
  • वे 1962 में जकार्ता में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम और 1964 में एएफसी एशियाई कप में उपविजेता रही टीम के सदस्य भी रहे थे।
  • उन्होंने 1963 की संतोष ट्रॉफी जीतने वाली महाराष्ट्र टीम की कप्तानी की थी। चंद्रशेखरन कैल्टेक्स स्पोर्ट्स क्लब, मुंबई के लिए खेले और बाद में एसबीआई फुटबॉल टीम का हिस्सा भी थे।