चक्रवात आपदा : प्रभाव एवं प्रबंधन रणनीति
हाल ही में हिंद महासागर के बंगाल की खाड़ी में बिपरजॉय (Biparjoy) नामक चक्रवात उत्पन्न हुआ तथा गुजरात के कच्छ जिले में इसका ‘लैंडफॉल’ हुआ। ‘बिपरजॉय’ नाम का सुझाव बांग्लादेश द्वारा दिया गया था और बांग्ला में इस शब्द का अर्थ ‘आपदा’ होता है।
- बिपरजॉय को आईएमडी द्वारा अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान (Extremely Severe Cyclonic Storms) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, इसके प्रभाव से घरों, विद्युत एवं संचार लाइनों, रेल व सड़क यातायात में व्यवधान उत्पन्न हुए।
चक्रवात क्या है?
- यह वायु का परिवर्तनशील और अस्थिर चक्र होता है, जिसके केंद्र में निम्न वायुदाब ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 आपदा रोधी अवसंरचना: एक वैश्विक आवश्यकता
- 2 स्मार्ट सिटी मिशन के 10 वर्ष: उपलब्धियां एवं चुनौतियां
- 3 सतत विकास लक्ष्य एवं भारत: प्रगति एवं चुनौतियां
- 4 सार्वभौमिक टीकाकरण: सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा का भारतीय संकल्प
- 5 महासागरों का संरक्षण: सतत एवं समावेशी भविष्य की आधारशिला
- 6 51वां G7 शिखर सम्मेलन: प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर सहमति बनाने में कितना सफल
- 7 भारत-साइप्रस: द्विपक्षीय सहयोग की नई दिशा की ओर अग्रसर
- 8 प्रधानमंत्री की क्रोएशिया यात्रा: द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण पड़ाव
- 9 संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन: भारत की भूमिका
- 10 नीति निर्माण में अग्रणी प्रौद्योगिकियों की भूमिका पारदर्शिता, प्रभावशीलता और समावेशिता की नई नींव