वैश्विक दक्षिण एवं भारत
12-13 जनवरी, 2023 के मध्य वर्चुअल माध्यम से ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन 2023’ का आयोजन किया गया।
- सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के देशों को अपने दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को साझा करने हेतु एक साथ एक मंच पर लाना था।
ग्लोबल साउथ क्या है?
- वैश्विक दक्षिण या ग्लोबल साउथ नामक शब्द का उपयोग विश्व के उन देशों और क्षेत्रों का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जिन्हें कम विकसित तथा आर्थिक रूप से वंचित माना जाता है। इसमें एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देश शामिल हैं।
- ग्लोबल साउथ के रूप में पहचान रखने वाले देशों में विश्व की ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन 2025
- 2 वैश्विक मृदा सम्मेलन 2024
- 3 12वां क्षेत्रीय 3R और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम
- 4 आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन
- 5 तीसरा वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन
- 6 वर्ल्ड फ्यूचर एनर्जी समिट 2024
- 7 यूएनसीसीडी: 16वां कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (CoP16)
- 8 यूएनसीबीडी: 16वां कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (CoP16)
- 9 11वीं ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों की बैठक
- 10 विश्व धरोहर समिति का 46वां सत्र
मुख्य विशेष
- 1 जी20 की अध्यक्षता तथा भारत: अवसर एवं चुनौतियां
- 2 हिंद-प्रशांत क्षेत्र एवं भारत: रणनीतिक दृष्टिकोण एवं जुड़ाव
- 3 भारतीय डायस्पोरा का भारत के विकास में योगदान
- 4 वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का लचीलापन
- 5 बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार
- 6 भारत-चीन सीमा विवाद
- 7 मध्य एशिया में भारत की महत्वाकांक्षाएं एवं चुनौतियां
- 8 एससीओ एवं भारत: चुनौतियां एवं अवसर