भागीरथी इको सेंसिटिव ज़ोन (BESZ)

  • हाल ही में उत्तराखंड के गंगोत्री (उत्तरकाशी) क्षेत्र में स्थापित एक ठोस अपशिष्ट दहन संयंत्र ने पर्यावरण कार्यकर्ताओं की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि यह भागीरथी इको-सेंसिटिव ज़ोन (BESZ) के अंतर्गत आता है। इको-सेंसिटिव ज़ोन (ESZs) वे भौगोलिक क्षेत्र होते हैं, जिन्हें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत अधिसूचित किया जाता है।
  • सामान्यतः, ESZ की सीमा संरक्षित क्षेत्र के चारों ओर 10 किमी तक होती है, पर विशेष परिस्थितियों में यह इससे अधिक भी हो सकती है। हालांकि जून 2022 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए एक निर्देश के अनुसार सभी राष्ट्रीय ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी