एआई चैटबॉट: भविष्य और चुनौतियां
वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence - AI) और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (Natural Language Processing - NLP) का उपयोग कर इस प्रकार के चैटबॉट का विकास किया जा रहा है जो मानव जैसी बातचीत का अनुकरण करने (Simulating Human Conversation) और स्वचालित रूप से ग्राहकों के सवालों के जवाब देने में सक्षम है।
- वर्तमान में विकसित कई चैटबॉट केवल टेक्स्ट क्वेरी को समझने तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि वॉइस-आधारित चैटबॉट का भी विकास कर लिया गया है। ये स्वास्थ्य सेवा, वित्त और बैंकिंग, शिक्षा, ग्राहक सेवा, ई-कॉमर्स, मानव संसाधन, विपणन और सोशल मीडिया जैसे क्षेत्रों में गहरा प्रभाव डाल रहे ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत में पहली बुलेट ट्रेन का साकार होता सपना
- 2 जीनोम इंडिया परियोजना: स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की मजबूत नींव
- 3 विकसित भारत के सपने को साकार करने की ओर अग्रसर वैज्ञानिक पहलें
- 4 भारत का क्वांटम सैटेलाइट मिशन: संचार और सुरक्षा में नई क्रांति
- 5 विज्ञान के अनुसंधान में अग्रणी भारतीय महिलाएं
- 6 स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और पहुँच को मजबूत करना
- 7 भारत में महिला सशक्तीकरण के लिए बजटीय पहल
- 8 ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहल
- 9 केंद्रीय बजट 2025-26 : विकास के आयाम
- 10 महिला सशक्तीकरण