पर्माफ्रॉस्ट पर वैश्विक तापन का प्रभाव
हाल ही में, जर्मनी एवं नार्वे के शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा आर्कटिक क्षेत्र के पर्माफ्रॉस्ट (Permafrost) से संबंधित अध्ययन किया गया। अध्ययन में पाया गया है कि बढ़ते वैश्विक तापमान के साथ, पर्माफ्रॉस्ट पिघल रहा है जिसका विपरीत प्रभाव प्रदूषण प्रसार के रूप में दिखेगा।
मुख्य बिंदु
- औद्योगिक और सैन्य गतिविधि: आर्कटिक क्षेत्र संसाधन संपन्न होने के साथ ही सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है अतः शीत युद्ध के दौरान औद्योगिक और सैन्य गतिविधियों का विस्तार इस क्षेत्र में देखने को मिलता है।
- oआर्कटिक क्षेत्र में विभिन्न देशों के द्वारा विभिन्न निगमों की स्थापना की गई है और इस क्षेत्र ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 काजीरंगा टाइगर रिजर्व
- 2 विंटर फॉग एक्सपेरिमेंट (WiFEX)
- 3 विश्व जैव उत्पाद दिवस 2025
- 4 राइनो DNA इंडेक्स सिस्टम (RhoDIS) इंडिया प्रोग्राम
- 5 ध्रुवीय प्रतिचक्रवात (Polar Anticyclone)
- 6 ग्रीन क्लाइमेट फंड
- 7 हाल ही में चर्चा में रहे महत्त्वपूर्ण वनस्पति एवं जंतु प्रजातियां
- 8 हाल ही में चर्चा में रहे महत्त्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्र
- 9 रोल क्लाउड
- 10 सी-फ्लड: एकीकृत बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली