जघन्य अपराधों में बाल संदिग्धों का मूल्यांकन
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) द्वारा हाल ही में किशोर न्याय अधिनियम, 2015 (JJ Act, 2015) की धारा 15 के तहत किशोर न्याय बोर्ड (JJB) द्वारा प्रारंभिक मूल्यांकन (Preliminary Assessment) करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए।
- इस प्रारंभिक मूल्यांकन का उद्देश्य यह पता लगाना होता है कि क्या एक किशोर पर एक वयस्क के रूप में मुकदमा चलाया जा सकता है।
- किशोर न्याय अधिनियम, 2000 को प्रतिस्थापित करते हुए वर्ष 2015 के किशोर न्याय अधिनियम में पहली बार जघन्य अपराधों (Heinous Offences) के मामलों में 16-18 आयु वर्ग के किशोरों पर वयस्कों के रूप में मुकदमा चलाने का प्रावधान ....
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