रेडियोधर्मी पदार्थों का पता लगाने की एक नई तकनीक
4 मार्च, 2025 को ‘फिजिकल रिव्यू एप्लाइड’ में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, अमेरिका के भौतिकविदों की एक टीम ने कार्बन-डाइऑक्साइड लेजर का उपयोग करके रेडियोधर्मी पदार्थों का पता लगाने की एक नई तकनीक को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया।
- संभावित उपयोग: यह सफलता राष्ट्रीय सुरक्षा, आपदा प्रबंधन तथा परमाणु रिसाव जैसी आपात स्थितियों में बेहद उपयोगी हो सकती है, जहां सुरक्षित दूरी से रेडियोधर्मी पदार्थों की सटीक और तेज़ पहचान आवश्यक होती है।
- यह तकनीक एवेलॉन्च ब्रेकडाउन नामक एक भौतिकी सिद्धांत पर आधारित है।
एवेलॉन्च ब्रेकडाउन सिद्धांत क्या है?
- जब किसी पदार्थ का रेडियोधर्मी क्षय (Radioactive Decay) ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री

- 1 एवियन इन्फ्लूएंजा की रोकथाम हेतु उठाए गए सख्त कदम
- 2 रिवर ब्लाइंडनेस के नियंत्रण से संबंधित अध्ययन
- 3 POEM-4 मॉड्यूल का वायुमंडल में पुनः प्रवेश
- 4 पृथ्वी की ध्रुवीय कक्षा के ऊपर मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन
- 5 विलुप्त हो चुके डायर वुल्व्स का पहला सफल डी-एक्सटिंक्शन
- 6 भारत का पहला फुल-स्टैक क्वांटम कंप्यूटिंग सिस्टम
- 7 गूगल का टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट (TPU) “आयरनवुड”
- 8 देश का पहला क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (QKD) ट्रांसमिशन
- 9 स्क्रैमजेट इंजन विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धि
- 10 चीन द्वारा गैर-परमाणु हाइड्रोजन बम का परीक्षण
- 11 भारत द्वारा डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सिस्टम का परीक्षण
- 12 हंस-3 (NG) के निर्माण हेतु निजी फर्म के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण