रत्नागिरी जियोग्लिफ़्स और पेट्रोग्लिफ़्स
11 अगस्त, 2024 को महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1960 के तहत रत्नागिरी में जियोग्लिफ़ और पेट्रोग्लिफ़ (Geoglyphs and Petroglyphs) को 'संरक्षित स्मारक' घोषित किया।
- संस्कृति विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, रत्नागिरी के देउद में पेट्रोग्लिफ़ का समूह मेसोलिथिक युग का है।
- जियोग्लिफ़ और पेट्रोग्लिफ़ प्राचीन कला के विभिन्न प्रकार हैं। इनमें पृथ्वी की सतह या चट्टान की सतह पर चित्र या डिज़ाइन बनाना शामिल है।
- अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोग्लिफ़ में गैंडा, हिरण, बंदर, गधा और पैरों के निशान दर्शाए गए हैं।
- कोंकण क्षेत्र में पेट्रोग्लिफ़ समूह महत्वपूर्ण है क्योंकि वे मेसोलिथिक ....
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