नगद रहित अर्थव्यस्था व साइबर सुरक्षा

  • एक नगद रहित अर्थव्यवस्था (Cashless Economy) का तात्पर्य ऐसी अर्थव्यवस्था से है, जहां नगद का इस्तेमाल नहीं होता है या न्यूनतम होता है। एक नगद रहित अर्थव्यवस्था में भौतिक मुद्रा की जगह डिजिटल लेनदेन का इस्तेमाल किया जाता है, तथा लेनदेन व भुगतान डिजिटल यंत्रे जैसे की मोबाइल, एटीएम आदि द्वारा किया जाता है। उल्लेखनीय है कि नगद रहित अर्थव्यवस्था प्राचीन समय में भी चलन में थी। तब यह वस्तु विनिमय प्रणाली पर आधारित हुआ करता था, जिसे बार्टर प्रणाली के नाम से जाना जाता था। हाल ही में बिटकॉइन (Bitcoin) से सम्बंधित ब्लॉकचेन तकनीक के आने से नगद रहित अर्थव्यवस्थाओं को और अधिक बल मिला है। हालांकि बिटकॉइन अभी कोई विधिक मुद्रा नहीं है पर इससे संबंधित तकनीक (ब्लॉकचेन तकनीक) के महत्व को देखते हुए ज्यादातर देश इस तकनीक पर शोध कर रहे हैं, भारत में भी इस तरह के शोध किए जा रहे हैं।
  • हाल ही में भारत सरकार के विमुद्रीकरण के फैसले से उस दौरान बढे डिजिटल हस्तांतरणों से उत्साहित होकर भारत सरकार भी नगद रहित भुगतानों को प्रोत्साहन दे रही है।
  • हाल ही में साइबर हमलावरों द्वारा लाखों डेबिट कार्डाे से डाटा चोरी की घटना ने भारत के वितीय सस्थानों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किये थे। विश्व स्तर पर हुए रैनसमवेयर अटैक नें इस चिंता को और बढ़ा दिया है। मुद्राविहीन अर्थव्यवस्था के लिए वित्तीय संस्थानों की डिजिटल सुरक्षा बेहद जरूरी पहलू है। भारत की 70 फीसदी आबादीग्रामीण प्रष्ठभूमि में रहती है। जनता में जागरूकता की कमी के कारण आए दिन उनके साथ वित्तीय धोखा-धड़ी के मामले सामने आते हैं।

ऑनलाइन हस्तांतरणों में हुई धोखा-धड़ी के लिए देश में समग्र कानून का आभाव है जिससे इस तरह की धोखा-धड़ी करने वाले व्यक्तियों को बल मिलता है। सरकार द्वारा इस क्षेत्र में किये जा रहे कुछ प्रयास निम्नलििखत हैंः

  • वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता व सुरक्षा के लिए साइबर सुरक्षा बहुत महत्त्वपूर्ण है। जिसे ध्यान में रखते हुए वित्तीय क्षेत्र के लिए कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पोंस टीम (सीईआरटी- फिन) का गठन किया जा रहा है।
  • भारत द्वारा कम-नकदी अर्थव्यवस्था को अपनाने से वित्तीय क्षेत्र की भेद्यता पहले से बढ़ गई है पिछले साल हिताची पेमेंट सर्विसेज के सिस्टम में मैलवेयर इंजेक्शन के बाद लगभग 32 लाख डेबिट कार्डों के डेटा को चोरी कर लिया गया था । इसी तरह, हैकर्स ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सर्वर को मैलवेयर के साथ संक्रमित किया था। पूरे विश्व में हो रहे रैनसमवेयर हमलों नें सीईआरटी-फिन के महत्व को और अधिक बढ़ा दिया है।