प्रत्यक्ष कर

प्रत्यक्ष कर वह कर है जिसमें कर का भुगतान उसी व्यक्ति अथवा कंपनी द्वारा किया जाता है, जिस पर यह कानूनी रूप से लगाया जाता है। आयकर, निगम कर व संपत्ति कर आदि प्रत्यक्ष कर के उदाहरण हैं। प्रत्यक्ष कर में सर्वाधिक हिस्सा निगम कर का है। निगम कर, कंपनियों के लाभ पर लगाया जाने वाला कर है। इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रत्यक्ष कर का हिस्सा लगातार बढ़ रहा है और वर्ष 2007.08 से कुल करों के लगभग आधे या उससे अधिक के लिए उत्तरदायी रहे हैं। सकल कर राजस्व में प्रत्यक्ष कर का हिस्सा 56.3% है। जबकि कर राजस्व में प्रत्यक्ष कर का हिस्सा जीडीपी के अनुपात में 5.5% (2011.2012) है।

आयकरः यह एक व्यक्तिगत कर है जो किसी व्यक्ति की वार्षिक आय पर लगाई जाती है। उपभोग और बचत के दायरे को बढ़ाने के लिए आयकर स्लैब को लगातार बढ़ाया जा रहा है।

ई.रिटर्नः इलेक्ट्रॉनिक तरीके (इंटरनेट) से टैक्स रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को ई.टैक्स रिटर्न या ई.फाइलिंग कहते हैं। भारत में इस विधि से भी आयकर रिटर्न दाखिल किया जाता है।

ई.पेमेंटः कर दाता द्वारा जब प्रत्यक्ष करों का भुगतान इंटरनेट के माध्यम से किया जाय तो उसे ‘ई.टैक्स पेमेंट’ कहते हैं। करदाता को यह सुविधा प्राप्त करने के लिए ‘नेट.बैंकिंग एकाउंट’ होना जरूरी है।

पैन कार्डः पैन (स्थायी खाता संख्या) पूरे भारत मेंदस अंकीय वर्णात्मक संख्या है जो आयकर विभाग द्वारा लेमिनेटेड कार्ड के रूप में जारी किया जाता है। आयकर अधिनियम में यह व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक व्यक्ति जिसकी कुछ आय उस अधिकतम राशि से अधिक है, जिस पर कर नहीं लगता या प्रत्येक व्यक्ति जो किसीव्यापार या व्यवसाय में लगा है, जिसकी कुल आय, लाभ या सकल प्राप्ति पहले किसी भी विगत वर्ष में 5 लाख रुपए से अधिक हुई है या कोई व्यक्ति जिसे आय विवरणी दाखिल करने की आवश्यकता है, वह पैन कार्ड के लिए आवेदन करेगा। इसके अलावा कोई व्यक्ति जो उपर्युक्त शर्तें पूरी नहीं करता, वह भी पैन आवंटन के लिए आवेदन कर सकता है।

टैन कार्डः कर कटौती खाता संख्या (टैन) एक अनोखा दस अंकीय वर्णक्रम कार्ड है जो आयकर विभाग द्वारा उन सभी व्यक्तियों को आवंटित किया जाता है जिन्हें आय के ड्डोत पर कर कटौती की आवश्यकता होती है।