जीएसटी क्या है?

जीएसटी देश भर में लगने वाला एकल अप्रत्यक्ष कर है जिसे अनेक अधिरोपित हो रहे अप्रत्यक्ष करों के स्थान पर लाया गया है। इस आशय हेतु भारत को एकीकृत साझा बाजार बना देगा। जीएसटी विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एकल कर है। प्रत्येक चरण पर भुगतान किये गये इनपुट करों का लाभ मूल्य संवर्धन के बाद के चरण में उपलब्ध होगा जो प्रत्येक चरण में मूल्य संवर्धन पर जीएसटी को आवश्यक रूप से एक कर बना देता है। अंतिम उपभोक्ताओं को इस प्रकार आपूर्तिशृंखला में अंतिम डीलर द्वारा लगाया गया जीएसटी ही वहन करना होगा। इससे पिछले चरणों के सभी मुनाफे समाप्त हो जायेंगे।

29 मार्च, 2017 को संसद में ‘वस्तु एवं सेवा कर कानून’ (Goods and Service Tax Act) पारित किया गया था। यह कानून 1 जुलाई, 2017 से देश भर में लागू हो गया है। इसे वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है।

जीएसटी की नई दरें लागू

10 नवंबर, 2017 को हुए जीएसटी परिषदकी 23वीं बैठक में माल और सेवा कर (जीएसटी) में व्यापक बदलावों की सिफारिश की थी। सरकार ने पांच प्रमुख स्लैब. 0%, 5%, 12%, 18% और 28% में वस्तुओं को वर्गीकृत किया है। ये निम्नवत है.

दरें

वस्तु

0%

दूध, अंडे, नमक, ताजी सब्जियां, फल, गर्भनिरोधक, जैविक खाद्य, मिट्टी के बरतन, नारियल, गुड़, प्रसाद (धार्मिक स्थलों के जैसे मस्जिद, मंदिर, चर्च आदि), बिंदी, चूड़ी, शीशे की चूडि़यां, हैंडलूम, सुनने की मशीन, हाथ से बने संगीत के उपकरण

5%

कॉफी (इंस्टैंट नहीं), चाय, मछली और मुंगफली, कोयला, हैंडपंप, चीनी और बीट शूगर, बायो गैस संयंत्र, पवन चक्की, केरोसिन और लालटेन

12%

जिंदा जानवर, फल, मोबाइल फोन्स, फाउंटेन पेन इंक, टूथ पॉउडर, अगरबत्ती, फीडिंग बोतल, ब्रेल पेपर, बच्चों की कलरिंग किताबें, छाता, पेंसिल शार्पनर, टैªक्टर, साइकिल, कांटैक्स लेंस, चश्मों के लेंस, बरतन, खेल के सामान, मछल्ी पकड़ने का डंडा, कंघी, पेंसिल और हैंड पेंटिंग पर जूस, मक्खन, चीज और मांस

18%

हेलमेट, एलपीजी स्टोव, परमाणु रिएक्टर, घडि़यां, सैन्य हथियार, इलेक्ट्रॉनिक खिलौने और प्लास्टिक के बटन

28%

बोतलबंद पेय, परफ्रयूम, ऑफ्रटर शेव लोशन, डियोड्रेंट, फर के कपड़े, रेजर ब्लेड, कार, रिवाल्वर और पिस्तौल शामिल हैं।

वहीं, छोटी कारों पर एक से तीन फीसदी सेस लगाया जाएगा। 350 सीसी से अधिक के इंजन वाली मोटरसाइकिल, निजी विमान, नौका मध्यम श्रेणी के कारों पर 15 फीसदी सेस लगाया जाएगा।