भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियां

  • 1962: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति का गठन।
  • 1963: थुम्बा रॉकेट प्रक्षेपण केन्द्र स्थापित।
  • 1969: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति को पुनर्गठित करके इसरो नाम दिया गया।
  • 1972: अंतरिक्ष विभाग और अंतरिक्ष आयोग का गठन।
  • 1975: पहले उपग्रह आर्यभट्ट को 19 अप्रैल को सोवियत संघ के प्रक्षेपण केंद्र से अंतरिक्ष में भेजा गया।
  • 1979: 7 जून को भारत में बना दूसरा उपग्रह भास्कर तत्कालीन सोवियत संघ के एक प्रक्षेपण केन्द्र से पृथ्वी की कक्षा में स्थापित।
  • 1980: भारत में निर्मित पहले उपग्रह प्रक्षेपण वाहन एस एल-वी--3 ने 18 जुलाई को रोहिणी उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा।
  • 1981: एस-एल-वी-- 3 प्रक्षेपण वाहन के जरिये 31 मई को श्रीहरिकोटा रेंज से रोहिणी श्रेणी का दूसरा उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा गया।
  • 1982: अमेरिका से प्राप्त पहला बहुउद्देश्यीय इनसैट-1ए को 10 अप्रैल को अमेरिकी डेल्टा रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में भेजा गया।
  • 1983:17 अप्रैल को श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से रोहिणी उपग्रह एस-एल-वी-- 3 का प्रक्षेपण।
  • 1984: 3 अप्रैल को भारत-सोवियत संयुक्त अभियान के अंतर्गत स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा अंतरिक्ष में पदार्पण करने वाले पहले भारतीय बने।
  • 1988: भारत में बने पहले दूर संवेदन उपग्रह आई-आर-एस-1ए को 17 मार्च को तत्कालीन सोवियत संघ के बैकानूर स्थित रॉकेट स्थल से वोस्टाक रॉकेट द्वारा अंतरिक्ष में भेजा गया।
  • 1990: पहली पीढ़ी के इनसैट उपग्रह श्रेणी का अंतिम उपग्रह इनसैट-1डी को फ्रलोरिडा स्थित प्रक्षेपण केंद्र से अमेरिकी डेल्टा रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में भेजा गया।
  • 1991: दूसरा दूर संवेदी उपग्रह आई-आर-एस--1बी 29 अगस्त को बैकानूर से वोस्टॉक रॉकेट की मदद से छोड़ा गया।
  • 1992:संवर्द्धित उपग्रह प्रक्षेपण वाहन ए-एस-एल-वी- को 20 मई को श्रीहरिकोटा से छोड़ा गया।
  • 1993:23 जुलाई को कौरू प्रक्षेपण केंद्र से एरियन रॉकेट से अंतरिक्ष की कक्षा में भेजा गया।
  • 1994:15 अक्टूबर को श्रीहरिकोटा से पी-एस-एल-वी-डी-2 की मदद से 870 किग्रा- वजन के आई-आर-एस--पी2 को ध्रुवीय सौर स्थित कक्षा में स्थापित किया गया।
  • 1995:इनसैट-2सी का सफल प्रक्षेपण।
  • 1996:मार्च में पी-एस-एल-वी--डी3 का सफल प्रक्षेपण।
  • 1997:सित- में पी-एस-एल-वी--सी1 का सफल प्रक्षेपण।
  • 1998:भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने 19 अप्रैल को श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से रोहिणी साउंडिग श्रेणी का रॉकेट आर एच -560 एम के प्प् प्रक्षेपित किया।
  • 1999:फ्रेंच गुयाना के कौरू प्रक्षेपण केन्द्र से एरियन रॉकेट द्वारा 3 अप्रैल, 1999 को 2550 किलोग्राम के इनसैट 2-ई उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया गया।
  • 2000:22 मार्च को फ्रेंच गुयाना के कौरू प्रक्षेपण केंद्र से इनसैट-3बी का सफल प्रक्षेपण। 6 नवंबर, 2000 को इसरो द्वारा इनसैट-2बी की सेवा समाप्त करने की घोषणा।
  • 2001:18 अप्रैल को इसरो ने भारत के अत्याधुनिक और बहुप्रतीक्षित भूस्थैतिकी ‘जीएसएलवी-डी1’ को श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण रेंज से प्रक्षेपित किया।
  • 2002:24 जनवरी को इसरो नेशृंखला की तीसरी पीढ़ी के संचार उपग्रह इनसैट-3सी को फ्रेंच गुयाना के कौरू अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया।
  • 2003:10 अप्रैल को इनसैट-3ए एवं 28 सितंबर, 2003 को इनसैट-3ई का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। 17 अक्टूबर को पी-एस-एल-वी--सी-5 द्वारा रिसोर्ससैट-I का सफल प्रक्षेपण किया गया।
  • 2004:20 सितंबर को जी-एस-एल-वी--एफ 01 द्वारा एडुसैट का सफल प्रक्षेपण किया गया।
  • 2005:5 मई को इसरो ने कार्टोसेट-1 और हैमसेट से लदे प्रक्षेपणयान सी-6 का सफल प्रक्षेपण किया। 22 दिसंबर, 2005 को इनसैट-4शृंखला के पहले उपग्रह इनसैट-4 ए का फ्रेंच गुयाना से सफल परीक्षण किया गया।
  • 2006:10 जुलाई 2006 को श्रीहरिकोटा से इन्सैट-4 सी के साथ जीएसएलवी-एफ 02 की द्वितीय संचालन उड़ान।
  • 2007:14 जनवरी, 2007 को एसआरई-1 की पुनर्प्राप्ति।
  • 12 मार्च, 2007 को फ्रेंच गुयाना के कौरू से एरियन-5 राकेट द्वारा इन्सैट-4 बी का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण।
  • 23 अप्रैल, 2007 को पीएसएलवी सी 8 द्वारा इटली के उपग्रह एजराइल को श्री हरिकोटा से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
  • 2 सितंबर, 2007 को जीएसएलवी एफ 04 से इन्सैट-4 सी आर का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण। श्री हरिकोटा से पीएसएलवी-सी 7 द्वारा कार्टोसैट-2 व एसआरई-1 और इंडोनेशिया का लापान टबसैट व अर्जेण्टीना के पेहुनसैट-1 का सफल प्रक्षेपण, कौरू से एरियन-द्वारा संचार उपग्रह इनसैट-4बी का प्रक्षेपण, श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी 8 का सफल प्रक्षेपण।
  • 2008:21 जनवरी, 2008 को जीएसएलवी सी 10 द्वारा इजराइल के उपग्रह टेक्सार का प्रक्षेपण किया गया। 28 अप्रैल, 2008 को इसरो द्वारा दूर संवेदी उपग्रह आई-एम-एस--1 का पी-एस-एल-वी-सी9 द्वारा सफल परीक्षण किया गया। 22 अक्टूबर, 2008 को पीएसएलवी सी-11 द्वारा श्रीहरिकोटा से चन्द्रयान-1 का सफल प्रक्षेपण।
  • 2009:20 अप्रैल, 2009 को रिसैट-2 और अनुसैट का जीएसएलवी सी-12 द्वारा श्री हरिकोटा से सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। 23 सितंबर, 2009 को पीएसएलवी-सी-14 द्वारा ओशनसैट-2 और 6 नैनो उपग्रहाके का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया।
  • 2010:12 जुलाई, 2010 को पीएसएलवी सी-15 द्वारा कार्टोसैट-2 वी एवं पीको-सैटेलाइट स्टडसैट का सफल प्रक्षेपण।
  • 2011:20 अप्रैल, 2011 को पीएसएलवीसी-16 द्वारा रिसोर्ससैट-2, यूथ सैट एवं एक्स-सैट का सफल प्रक्षेपण किया गया।
  • 15 जुलाई, 2011 को पीएसएलवीसी-17 द्वारा जीसैैट-12 का सफल प्रक्षेपण।
  • 2012:26 अप्रैल 2012 पीएसएलवी-सी 9 द्वारा रीसैट-1 को और 9 सितंबर, 2012 को पीएसएलवी-सी 21 द्वारा स्पॉट-6 तथा प्रायोटर्स को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
  • 2013:सरल नामक उपग्रह को पी-एस-एल-वी- सी-20 द्वारा 25 फरवरी को_ आई-आर-एन-एस-एस- (IRNSS)-1ए को 1 जुलाई को_ इनसैट-3डी को 26 जुलाई को एरियन-5 द्वारा तथा जीसैट-7 को 30 अगस्त को एरियन-5 यान द्वारा प्रक्षेपित किया गया।

5 नवंबर को भारत का मार्स आर्बिटर मिशन अंतरिक्षयान को पी-एस-एल-वी-सी25 द्वारा सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।

  • 2014:जीसैट-14 को जीएसएलवी-डी5 से 5 जनवरी को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। आईआरएनएसएस-1बी को पीएसएलवी-सी24 से, स्पॉट-7 व चार अन्य उपग्रहों कोपीएसएलवी- सी23 से और आईआरएनएस-1सी को पीएसएलवी- 26 से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
  • 28 मार्च, 2015: भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली IRNSS 1–D का सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया।
  • 28 अप्रैल, 2015: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो (ISRO) ने स्वदेशी क्रॉयोजेनिक इंजन CE-20 का 645 सेकेंड के लिए चेन्नई स्थित महेंद्रगिरि परीक्षण केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया।
  • 10 जुलाई, 2015: इसरो के ध्रुवीय प्रक्षेपण यान ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV - C28 के द्वारा पांच ब्रिटिश उपग्रहों को ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया।
  • 27 अगस्त, 2015: भारत के सबसे बड़े संचार उपग्रह जीसैट-6 को GSLV D-6 से सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। इसे भूतूल्यकालिक ट्रांसफर कक्षा (Geosynchrohous Transfer Orbit - GTO) में स्थापित किया गया।
  • 26 सितंबर, 2016: ध्रुवीय प्रक्षेपणयान सी35 (पीएसएलवी सी-35) से देश के मौसम संबंधी उपग्रह स्कैटसेट-1 सहित आठ उपग्रह प्रक्षेपित किया गया।
  • 15 फरवरी, 2017: इसरो ने एक साथ 104 उपग्रहों को लॉन्च कर इतिहास रच दिया। पीएसएलवी सी-37 ने अपने 39वें मिशन पर रिकॉर्ड 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया।
  • 05 मई, 2017: इसरो द्वारा जीएसएलवी-एफ 09 के माध्यम से 2230 किलोग्राम भार वाले दक्षिण एशियाई उपग्रह जीसेट-9 का सफल प्रक्षेपण किया गया। यह संचार उपग्रह भारत के अतिरिक्त 6 दक्षिण एशियाई देशों - नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव तथा अफगानिस्तान को भी दूरसंचार सेवाएं प्रदान करेगा।
  • 05 जून, 2017: इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से देश के नये विकसित शक्तिशाली प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क-थ्री डी वन का सफल प्रक्षेपण किया और इसकी सहायता से 3,136 किलोग्राम भार के अगली पीढ़ी के संचार उपग्रह जी सैट-19 को भू-स्थिर कक्षा में स्थापित किया।
  • 23 जून, 2017: इसरो ने पीएसएलवी-सी 38 की सहायता सेकार्टाेसैट-2शृंखला के एक उपग्रह और 30 नैनो उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यह पीएसएलवी का लगातार 39वां सफल मिशन था। इसमें 14 देशों के 29 नैनो उपग्रह शामिल हैं।
  • 29 जून 2017: इसरो द्वारा फ्रैंच गयाना स्थित कौरू प्रक्षेपण केंद्र से 3,477 किलोग्राम भार के संचार उपग्रह जीसेट-17 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
  • 12 जनवरी, 2018: इसरो ने पीएसएलवी-सी 42 की सहायता से कार्टाेसैट-2शृंखला के दूर संवेदी उपग्रह तथा 30 अन्य उपग्रहों सहित कुल 31 उपग्रहों का सफलतापूर्वकप्रक्षेपण किया स इसमें भारत के 3 तथा 6 देशों के 28 उपग्रह शामिल हैं।