मौद्रिक उपाय

देश में मुद्रा पूर्ति अथवा साख के नियंत्रण से संबंधित उपायों को ही मौद्रिक उपाय कहा जाता है, और इससे संबंधित नीति को मौद्रिक नीति कहा जाता है। मौद्रिक नीति का संचालन भारत का केन्द्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक करता है। अतिरेक मांग की स्थिति में मुद्रापूर्ति को कम करने के लिए उपाय करता है।

  • बैंक दर में वृद्धिः मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा बैंक दर में वृद्धि कर दी जाती है। इससे वाणिज्यिक बैंकों की साख निर्माण क्षमता कम हो जाती है। इससे ब्याज दर में वृद्धि होती है फलस्वरूप लोगों को साख अथवा उधार महंगा प्राप्त होने लगता है। लोगों द्वारा ऊंची ब्याज दर पर ऋण कम लेने से अंततः वस्तुओं एवं सेवाओं की मांग पर अंकुश लगता है।
  • खुले बाजार में प्रतिभूतियों को बेचनाः केन्द्रीय बैंक मुद्रास्फीति अथवा अतिरेक मांग को रोकने के लिए खुले बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों का विक्रय करता है। इससे वाणिज्यिक बैंकों के नकद कोषों में कमी आती है और उनकी साख निर्माण क्षमता घटती है। बैंकों के पास तरलता कम होने पर वे ब्याज दरों में वृद्धि करते हैं। उधार कम लिए जाने से लोगों की क्रयशक्ति घटती है जिससे बाजार में मांग घटती है।
  • नकद आरक्षी अनुपात में वृद्धिः केन्द्रीय बैंक द्वारा नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) में वृद्धि करके साख सृजन की वाणिज्यिक बैंकों की क्षमता को कम कर दिया जाता है और इससे साख की मांग दर घटती है, जिससे समग्र मांग में कमी आती है।
  • सीमांत कटौती में वृद्धि करनाः इस विधि का प्रयोग सटोरियों द्वारा प्रतिभूतियों को खरीदने के लिए आवश्यकता से अधिक साख लेने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण लगाने के लिए किया जाता है। केन्द्रीय बैंक प्रतिभूति खरीदने के लिए सीमांत कटौती की कोई एक न्यूनतम मात्र निर्धारित कर देता है। अतिरेक मांग की स्थिति में केन्द्रीय बैंक सीमांत कटौती में वृद्धि करके वाणिज्यिक बैंकों की साख निर्माण की क्षमता को कम कर देता है। उदाहरण के लिए यदि सीमांत कटौती की दर 25 प्रतिशत है तो 1 लाख रुपए की प्रतिभूति पर बैंक 75 हजार रुपए तक ऋण दे सकता है। अब यदि सीमांत कटौती बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दे तो बैंक केवल 70 हजार रुपए तक ही ऋण दे सकेगा।

सारांशतः यह कि अतिरेक मांग को संतुलित करने के लिए महंगी मुद्रा नीति (Dear Money Policy) अपनाई जाती है। इसके तहत साख की उपलब्धता या तो कम हो जाती है या महंगी हो जाती है।