आउटसोर्सिंग और भारत

भारत आउटसो²सग समाधान उपलब्ध कराने में अग्रणी रहा है तथा यह विश्व भर के देशों को अनेक आउटसो²सग सेवाएं उपलब्ध कराता रहा है। आईटी तथा आईटी समर्थित सेवाओं जिनमें व्यवसाय प्रक्रिया आउटसो²सग शामिल है, का संयुक्त राजस्व अरबों डॉलर में था। विश्व की आर्थिक संवृद्धि को प्रभावित करने वाले हरेक वित्तीय और बैंकिंग संकट के बावजूद भारतीय आईटी, बीपीओ, केपीओ कंपनियों का सफलता रिकॉर्ड अच्छा बना रहा यद्यपि बाजार में चीन, मलेशिया, फिलीपीन्स जैसे कई प्रतिस्पर्धी हैं फिर भी यह लाभप्रद स्थिति में रहने से आउटसो²सग में विश्व का प्रमुख प्रतिभागी बना हुआ है।

हाल के दिनों में संरक्षणवाद (कर आदि) के तहत अमेरिका में आउटसोर्सिंग उद्योग पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। इनमेंबॉर्डर सिक्योरिटी बिल पारित करके भारतीय आईटी कंपनियों के लिए वीजा (एच 1 बी/एल 1) शुल्क में बढ़ोतरी, ओहायो प्रांत द्वारा आउटसोर्सिंग कांट्रैक्ट पर प्रतिबंध और उन अमेरिकी कंपनियों के लिए कर छूट समाप्त करने की घोषणा, जो दूसरे देशों से आउटसोर्स करती हैं, शामिल हैं। इससे भारतीय आईटी उद्योग को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है।