आवर्त सारणी

आवर्त सारणी रासायनिक तत्वों को उनकी संगत विशेषताओं के साथ एक सारणी के रूप में दर्शाने की एक व्यवस्था है। आवर्त सारणी में रासायनिक तत्त्व परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में सजाये गये हैं तथा आवर्त (पिरियड), प्राथमिक समूह, द्वितीयक समूह में वर्गीकृत किया गया है। वर्तमान आवर्त सारणी में 118 ज्ञात तत्व सम्मिलित हैं। सबसे पहले रूसी रसायन-शास्त्री मेंडलीफ (सही उच्चारण- मेन्देलेयेव) ने सन 1869में आवर्त नियम प्रस्तुत किया और तत्वों को एक सारणी के रूप में प्रस्तुत किया। इसके कुछ महीनों बाद जर्मन वैज्ञानिक लोथर मेयर (1830-1895) ने भी स्वतन्त्र रूप से आवर्त सारणी का निर्माण किया। मेन्देलेयेव की सारणी से अल्फ्रेड वर्नर (Alfred Werner) ने आवर्त सारणी का वर्तमान स्वरूप निर्मित किया। सन1952 में कोस्टा रिका के वैज्ञानिक गिल चावेरी (scientist Gil Chaverri ) ने आवर्त सारणी का एक नया रूप प्रस्तुत किया जो तत्वों के इलेक्ट्रानिक संरचना पर आधारित था।

रसायन शास्त्रियों के लिये आवर्त सारणी अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं उपयोगी है। इसके कारण कम तत्वों के गुणधर्मों को ही याद रखने से काम चल जाता है क्योंकि आवर्त सारणी में किसी समूह (उर्ध्वाधर पंक्ति) या किसी आवर्त (क्षैतिज पंक्ति) में गुणधर्म एक निश्चित क्रम से एवं तर्कसम्मत तरीके से बदलते हैं।

चार नये तत्व आवर्त सारणी में शामिल

इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड कैमिस्ट्री (आईयूपीएसी) ने 28 नवंबर, 2016 को चार नये तत्वों को आधिकारिक रूप से आवर्त सारणी में शामिल कर लिया। 8 जून, 2016 को चार नए तत्वों के प्रस्तावित नामों की घोषणा की गई थी। इन चार नए तत्वों का नाम हैं_

  1. निहोनियम (Nihonium-Nh): क्रमांक 113
  2. मॉस्कोवियम (Moscovium-Mc): क्रमांक 115
  3. तेनेसिन (Tennessine-Ts): क्रमांक 117
  4. ऑगेनोसन (Oganesson-Og): क्रमांक 118
  • इन चार तत्वों के परमाणु क्रमांक क्रमशः 113, 115, 117 तथा 118 हैं। इसके साथ ही आवर्त सारणी की सातवीं पंक्ति पूरी हो गयी।

समूह एवं आवर्त

तत्वों के परमाणु भार के वृद्धि क्रम में क्रमबद्ध करने पर क्षैतिज कतारें प्राप्त होती हैं जिन्हें ‘आवर्त’ कहते हैं। आवर्त नियम के अनुसार तत्वों को परमाणु भार के वृद्धि क्रम में क्षैतिज कतारों में सजाने पर सामन गुण वाले तत्व एक ही उर्ध्वाधर कालम में उपस्थित रहते हैं, इन्हें ‘वर्ग’ (ग्रुप) कहते हैं।

आवर्त सारणी के उर्ध्व कतारों को ‘समूह’ या ‘वर्ग’ कहा जाता है। तत्वों के वर्गीकरण की दृष्टि से समूहों को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। कुछ समूहों में, तत्व समान गुण दर्शाते हैं। इन समूहों के नाम क्षारीय तत्व, क्षारीय पार्थिव धातु, हैलोजेन, निक्टोजेन, चाल्कोजेन और अक्रिय गैस। आवर्त सारणी के क्षैतिज कतारों को आवर्त कहते हैं। हालांकि तत्वों के वर्गीकरण में समूह अधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं, फिर आवर्त सारणी में कई स्थल ऐसे होते हैं जहां आवर्त का महत्व अधिक हो जाता है। उदाहरण के रूप में डी-ब्लॉक या संक्रमण धातुओं और एफ-ब्लॉक को लिया जा सकता है।

आधुनिक आवर्त सारणी की प्रमुख विशेषताएं

आधुनिक आवर्त सारणी को आवर्त सारणी का दीर्घ रूप भी कहते हैं। इसमें 18 वर्ग (ग्रुप) तथा 7 आवर्त (पिरियड) हैं।

तत्वों के गुणों का आवर्ती परिवर्तन

किसी एक वर्ग के सभी तत्त्वों के परमाणुओं के सबसे बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रानों की संख्या (अर्थात ‘संयोजक इलेक्ट्रानों’ की संख्या) समान होती है। इस कारण किसी एक वर्ग के सभी तत्वों के मुख्य गुण समान होते हैं।

  • हल्की धातुएँ - वर्ग 1 और 2
  • अल्कली धातुएं - वर्ग 1
  • अल्कलाइन मृदा धातुएं - वर्ग 2
  • भारी धातुएँ या संक्रमण धातुएँ - वर्ग 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12
  • अधातुएँ - वर्ग 13, 14, 15, 16 और 17
  • अक्रिय गैसें - वर्ग 18
  • Periodic Table 2-svg

खण्ड या ब्लॉक

  • संयोजक इलेक्ट्रानों के आधार पर तत्वों को 4 खण्डों में बाँटा गया है- s, p, d, f -
  • s-block - वर्ग 1 तथा 2
  • p-block – वर्ग 13 से 18
  • d-block – वर्ग 3 से 12
  • f-block – लैन्थेनाइड और ऐक्टिनाइड (Lanthanide and Actinide series)
  • प्रतिनिधि तत्व (Representative Elements या Normal elements या Typical elements) – s-block के तत्वों को सम्मिलित रूप से संक्रमण तत्व (Transition Elements) – d-block के तत्व
  • अन्तरिक संक्रमण तत्व (Inner Transition Elements) & f-block के तत्व -- इन्हें विरल मृदा तत्व (Rare Earth Elements) भी कहते हैं।

आवर्त

  • प्रथम आवर्त में केवल 2 तत्व हैं, यह सबसे छोटा आवर्त है।
  • दूसरे और तीसरे आवर्त में आठ-आठ तत्व हैं। इन्हें ‘लघु आवर्त’ (short period) कहते हैं।
  • चौथे और पाँचवें आवर्त में 18-18 तत्व हैं। इन्हें ‘दीर्घ आवर्त’ कहते हैं।
  • छठे आवर्त में 32 तत्त्व हैं। यह सबसे बड़ा आवर्त है।
  • सातवाँ आवर्त अपूर्ण है।
  • छठे आवर्त के तीसरे वर्ग में परमाणु क्रमांक 57 से 71 तक के तत्व हैं। इन्हें ‘लैन्थेनाइड’ कहते हैं।
  • सातवें आवर्त के तीसरे वर्ग में परमाणु क्रमांक 89 से103 वाले तत्त्व हैं। इन्हें ऐक्टिनाइड (actinides) कहते हैं।