भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष और आन्दोलन

  • अन्ना हजारे द्वारा जनलोकपाल विधेयक पारित कराये जाने हेतु आन्दोलन (अगस्त 2011)
  • 500 और 1000 के नोटों की नोटबंदी (8 नवम्बर, 2016)
  • भारतीय दण्ड संहिता, 1860
  • भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988
  • बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम
  • अर्थशोधन निवारण अधिनियम, 2002 (Prevention of Money Laundering Act] 2002)
  • आयकर अधिनियम 1961 की अभियोग धारा (Prosecution section of Income Tax Act] 1961)

प्रशासन में भ्रष्टाचार के विभिन्न रूप

भ्रष्टाचार के कई रूप हो सकते हैं। यह आवश्यक नहीं कि भ्रष्टाचार धन के ही रूप में हो। राजनीतिक दलों के लिए धन एकत्रित करना, औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा निर्मित पर्वतीय नगरों या बड़े नगरों के अतिथिगृहों में ठहरना, विवाह या जन्मदिन पर उपहार लेना, स्थानान्तरण या पदोन्नति के लिए रिश्वत लेना, सार्वजनिक धन का अपव्यय करना आदि भ्रष्टाचार ही है।

  • लाइसेंस व परमिट के बदले रिश्वत या राजनीतिक भुगतान।
  • प्रशासनिक कार्रवाही को तेज करने के लिए दी जाने वाली ‘स्पीड मनी’।
  • तमाम सरकारी सेवाओं में ट्रांसफर, पोस्टिंग के लिए होने वाली ‘बिक्री’।
  • फैक्टरी इन्सपेक्टर, बॉयलर इन्सपेक्टर, हेल्थ इन्सपेक्टर, टैक्स इन्सपेक्टर सरीखे छोटे-मोटे अफसरों को दी जाने वाली नियमित रिश्वत।
  • कंट्रोल (राशन) वाली वस्तुओं की कालाबाजारी।
  • सीमित मात्रा में उपलब्ध सार्वजनिक तंत्र के जरिए उपलब्ध वस्तुओं और सेवाओं की प्राप्ति और उनके रख-रखाव के लिए दी जाने वाली रिश्वत (मसलन, टेलिफोन, बिजली, पानी के कनेक्शन के लिए रिश्वत)।
  • विभिन्न सरकारी खर्च में संपन्न कार्यक्रमों के लिए लीकेज।
  • सरकारी ठेकों की प्राप्ति के लिए रिश्वत।
  • चुनावी चंदे।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई एक सतत प्रक्रिया है केंद्र सरकार पूरी तरह से प्रयतनशील है और ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहिष्णुता’ की अपनी नीति को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और पहले से ही भ्रष्टाचार से निपटने और सरकार के कामकाज में सुधार करने के लिए कई उपायों को ले लिया है। इसमें शामिल हैः-

  1. लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013
  2. सीटी ब्लॉपर संरक्षण अधिनियम, 2014
  3. निविदा और अनुबंध प्रक्रिया में पारदर्शिता के निर्देश के सीवीसी द्वारा पुनरावृत्ति;
  4. प्रक्रियाओं और प्रणालियों के ई-शासन और सरलीकरण का परिचय;
  5. मंत्रालयों/विभागों द्वारा नागरिक चार्टर के कार्यान्वयन;
  6. विभिन्न राज्यों में सीबीआई मामलों के परीक्षण के लिए विशेष रूप से संचालन के अतिरिक्त विशेष न्यायालयों को स्थापित करना और बनाना।

पिछले तीन वर्षों के दौरान, भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सरकार ने संसद में निम्नलिखित कानून लागू किए हैं-

  1. लोकपाल और लोकायुक्त और अन्य संबंधित कानून (संशोधन) विधेयक, 2014;
  2. व्सील-ब्लॉर्स संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2015;
  3. भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक, 2013