निर्यात क्रेडिट गारंटी निगम लि. में पूंजी निवेश

जून 2018 को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने निर्यात क्रेडिट गारंटी निगम (Export Credit Guarantee Corporation: ECGC) को मजबूत करने के लिए 2000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश को मंजूरी दी। यह राशि तीन वित्तीय वर्षों अर्थात 2017-18 में 50 करोड़ रुपये, 2018-19 में 1450 करोड़ रुपये और 2019-20 में 500 करोड़ रुपये के रूप में निवेश की जाएगी।

पूंजी निवेश के उद्देश्य

  1. यह निवेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (Micro, Small & Medium Enterprises:MSME) निर्यात को व्यापक बीमा जोखिम उपलब्ध करवाएगा और अफ्रीका, राष्ट्रमंडल देशों एवं लैटिन अमेरिका जैसे उभरते चुनौतीपूर्ण बाजारों में भारतीय निर्यात को मजबूत करेगा।
  2. बढ़ी हुई पूंजी से ईसीजीसी (ECGC) की जोखिम अंकन क्षमता तथा पूंजी अनुपात जोखिम में काफी सुधार होगा। मजबूत जोखिम अंकन क्षमता से ईसीजीसी, भारतीय निर्यातकों को नए तथा अन्वेशित बाजारों में व्यापार करने में सहायक सिद्ध होगा।
  3. ईसीजीसी द्वारा जोखिम का वहन करने से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत के निर्यातकों की प्रतिस्पर्धी स्थिति में सुधार होगा। ईसीजीसी से लाभ उठाने वाले 85% से अधिक ग्राहक एमएसएमई (MSME) के हैं। ईसीजीसी दुनिया के लगभग 200 देशों में निर्यात जोखिम का वहन करता है।

निर्यात क्रेडिट गारंटी निगम (ईसीजीसी)

ईसीजीसी, भारत सरकार की एक प्रमुख निर्यात क्रेडिट एजेंसी है जो देश से निर्यात की सुविधा के लिए निर्यात क्रेडिट बीमा सेवाएं प्रदान करने के लिए स्थापित की गई थी। ईसीजीसी निर्यातकों को विदेशी खरीदारों द्वारा राजनीतिक और/या वाणिज्यिक जोखिमों के कारण निर्यात बकाया का भुगतान नहीं करने के कारण होने वाले नुकसान से बचाने के लिए क्रेडिट बीमा योजनाएं प्रदान करता है।

भारत और यूएई के बीच करेंसी स्वैप समझौता

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने मुद्रा विनियम संबंधी सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इस करार के साथ ही दोनों देशों को एक दूसरे की मुद्रा में व्यापार की अनुमति मिल गई है। अब वो बिना किसी तीसरी बेंचमार्क मुद्रा पर निर्भरता के पूर्व निर्धारित विनिमय दर पर आयात और निर्यात व्यापार के लिए आसानी से भुगतान कर सकेंगे।